यह ताजा घटनाक्रम भारतीय सेना द्वारा शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को लद्दाख में चुशुल के पास पैंगोंग त्सो नदी के दक्षिणी तट के पास भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ करने के चीनी सेना के प्रयास को विफल करने के बाद आया है। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि इस बीच भारतीय सेना के ब्रिगेड कमांडर की अपने चीनी समकक्ष के साथ चुशुल/मोल्दो में एक बैठक चल रही है।
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, “29/30 अगस्त की रात को पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक चर्चाओं के बावजूद पूर्व की आम सहमति का उल्लंघन किया और भड़काने वाली सैन्य गतिविधियों को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि भारत और चीन अप्रैल-मई से चीनी सेना द्वारा फ़िंगर एरिया, गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और कोंगरुंग नाला सहित कई क्षेत्रों में किए गए बदलाव को लेकर गतिरोध में हैं। दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध इस कदर बढ़ गया था कि बीते 15 जून की रात को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं, चीन ने भी यह स्वीकार किया है कि उसके भी सैनिक मारे गए लेकिन अभी तक उनकी संख्या का खुलासा नहीं किया है।
बता दें कि भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दहाड़ ने ड्रैगन के सातवें आसमान पर उड़ने हौसलों को जमीन पर लाकर पटक दिया। इसके बाद चीन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और समर्थन जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण पर प्रतिक्रिया में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन, भारत के साथ आपसी विश्वास बढ़ाने और मतभेदों को ठीक से दूर करने के लिए काम करने को तैयार है। दोनों देशों के लिए एक दूसरे का सम्मान करना “सही रास्ता” है।
15 अगस्त को पीएम मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूत करने की बात कही थी और कहा था कि देश की क्षेत्रीय अखंडता सर्वोच्च है। मोदी ने लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “इतनी आपदाओं के बीच सीमा पर भी देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के दुष्प्रयास हुए हैं। लेकिन LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) से लेकर LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई देश की सेना ने, हमारे वीर-जवानों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।”