इससे पहले अगस्त, 2017 में लद्दाख की पैंगॉन्ग झील इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के लिए इस तरह की घटना हुई थीं। उसके बाद दोनों देशों के सेनाओं के बीच आमने-सामने टकराव का यह पहला मामला है।
पैरामिलिट्री फोर्स : 600 से ज्यादा जवान कोरोना पीड़ित, BSF के 250 और CRPF के 234 जानकारी के मुताबिक शनिवार को कुल 150 सैनिक आमने-सामने थे। नॉर्थ सिक्किम स्थित नाकू ला सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों में यह टकराव हुआ। दोनों ओर से भारी तनाव और बहसबाजी हुई। इस घटना में दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हालांकि इस झगड़े को स्थानीय स्तर के हस्तक्षेप के बाद सुलझा लिया गया।
दरअसल, चीनी सेना इस इलाके में सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रही है। चीन पहले ही सामरिक लिहाज से बेहद अहम माने जाने वाले चुंबी घाटी इलाके में सड़क बना चुका है, जिसे वह और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। यह सड़क भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर या कथित चिकन नेक इलाके से महज 5 किलोमीटर दूर है।
यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से जोड़ता है। इसी कारण से भारतीय सैनिकों और चीनी सेना के बीच अक्सर टकराव होता रहता है। साल 2017 में भी टकराव की यही वजह थी जब पीएलए के जवानों को विवादित इलाके में निर्माण कार्य करने से भारतीय सेना ने रोक दिया था।
देशभर में कोविद-19 मरीजों के लिए 1.30 लाख बेड, केवल 1.5% का हो रहा है इस्तेमाल 2017 में पैदा हुए थे तनाव के हालात शनिवार की घटना से पहले भारत और चीन की सेनाएं 2017 में डोकलाम त्रिकोणीय ( Doklam Junction ) जंक्शन में 73 दिनों के स्टैंड-ऑफ ( Stand Off ) में रहीं। उस समय दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी व्यक्त की जाने लगी थी।
आपको बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को कवर करता है जो दोनों देशों के बीच वास्तविक सीमा है। चीन अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh ) को दक्षिणी तिब्बत ( South Tibbet ) का हिस्सा मानता है, जबकि भारत इसका विरोध करता है। दोनों पक्ष इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सीमा मुद्दे के अंतिम प्रस्ताव को लंबित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति बनाए रखना आवश्यक है।