प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नीतीश कुमार ने कहा है कि इस मुद्दे पर तत्काल विचार करते हुए इन स्ट्रीमिंग सर्विसेज़ पर अश्लील और हिंसक ( Indecent and violent ) कार्यक्रमों के निर्माण एवं प्रसारण को अपराध की श्रेणी में लाया जाए। इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों व संस्थानों के संचालकों पर कानूनी कार्रवाई ( Legal Action ) का प्रावधान किया जाए।
Weather Forecast : दिल्ली एनसीआर में अल सुबह हुई बारिश, 24-25 जून को दस्तक देगा Monsoon बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने चिट्टी में खासतौर से नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस तरह की साइटों पर अश्लील और हिंसक कार्यक्रमों के प्रसारण से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है। समाज पर इसका नकारात्मक असर ( Negetive Impact ) साफ दिखाई देने लगा है।
इस मामले में गंभीर मानते हुए सीएम नीतीश कुमार ने सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952 ( Cinematography Act 1952 ) के अंतर्गत इन साइट्स को सेंसर की परिधि में लाने की मांग की है। ताकि बिना सेंसर इस तरह के कार्यक्रमों का प्रसारण न हो सके।
बता दें कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने यह मुद्दा दिसंबर, 2019 में भी उठाया था। अपने ताजा पत्र में उन्होंने कहा है कि स्ट्रीमिंग सर्विस से लोगों तक बिना सेंसर के पहुंच के कारण वे हिंसक एवं अनुचित कंटेंट देख रहे हैं जो गलत है।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बड़ा खुलासा – भारत ने भी चीन के कई सैनिकों को वापस किया सीएम नीतीश कुमार के मुताबिक बहुत सारे लोगों के मस्तिष्क को इस तरह की सामग्री गंभीर रूप से प्रभावित करने लगी हैं। महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों में वृद्धि हो रही है। इस तरह की अनुचित सामग्री की असीमित मात्रा में उपलब्धता उचित नहीं है।
महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे ऐसे अपराधों के निवारण हेतु उचित कार्रवाई करना नितांत आवश्यक है। इसलिए सार्वजनिक प्रदर्शन के प्रमाणीकरण के लिए इन्हें बाध्य किया जाए। नीतीश कुमार ने कहा कि अश्लील एवं सेक्स से भरपूर इन कार्यक्रमों के कारण नकारात्मक प्रभावों के कारण अपराध में वृद्धि हो रही है।
उन्होंने शैक्षिक संस्थानों एवं गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से इसके खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान ( Awareness Campaign ) चलाने की भी आवश्यकता है। राष्ट्रीय महिला आयोग ( NCW ) के आंकड़ों के मुताबिक 23 मार्च से 16 अप्रैल के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 587 और घरेलू हिंसा की 239 शिकायतें प्राप्त हुईं। जबकि 27 फरवरी से 22 मार्च के बीच की 123 शिकायतें मिली थीं।
NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ( Rekha Sharma ) ने कोरोना वायरस ( Coronavirus ) और लॉकडाउन ( Lockdown ) को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था। गौरतलब है कि लॉकडाउन देशभर में 25 मार्च से लागू हुआ था।