विविध भारत

निर्भया कांड 5वीं बरसी: अंधेरे से आज भी डर लगता है, मेरी बेटी अस्पताल में तड़प रही है

शरीर को काफी गहरे ज़ख्म दिए गए थे, जिसकी वजह से वारदात के 13 दिन बाद उसने इस घिनौनी सोच वालों की दुनिया को छोड़ दिया।

Dec 16, 2017 / 12:41 pm

Priya Singh

नई दिल्ली। आज से ठीक 5 साल पहले कुछ दरिंदों ने मिलकर दरिंदगी की सभी हदें पार कर दी थी। उन दरिंदों ने निर्भया के साथ दरिंदगी की सभी सीमाएं लांघकर उसे देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर मरने के लिए फेंक दिया। बस में मौजूद 6 जल्लादों ने एक 23 साल की लड़की के साथ गैंगरेप किया। उन्होंने इस घिनौनी हरकत में सभी हदें पार कर दी थीं। 23 साल की लड़की फीज़ियोथेरेपी की छात्रा थी। शरीर को काफी गहरे ज़ख्म दिए गए थे, जिसकी वजह से वारदात के 13 दिन बाद उसने इस घिनौनी सोच वालों की दुनिया को छोड़ दिया।
सुबह तक अखबारों, टीवी चैनलों, वेबसाइटों पर खबरें आने के बाद पूरे देश भर में एक आंदोलन शुरू हो गया, जिसका नाम था निर्भया। रेप की इस वारदात से आक्रोशित देश के लगभग सभी लोग काफी गुस्से में थे साथ ही वो काफी निराश भी थे। सरकारों ने रेप के खिलाफ कई सख्त कानून बनाए। देश की लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कई फैसले लिए गए। लेकिन हुआ क्या, कुछ नहीं।
दिल दहला देने वाले उस रेप की वारदात को आज 5 साल पूरे हो गए हैं। निर्भया की मां आशा देवी (50) को आज भी अंधेरे से डर लगता है। आशा देवी कहती हैं कि वो जब भी किसी सुनसान रास्ते से गुज़रती हैं तो उन्हें अपनी बेटी के साथ हुई उस दरिंदगी के बारे में ख्याल आने लगते हैं। उन्होंने कहा कि, “ अंधेरे रास्तों को देखकर मुझे ऐसा लगता है कि मेरी बेटी अभी भी अस्पताल में तड़प रही है।” लेकिन सरकारी दावों से बेहद गुस्से में आशा देवी ने कहा कि, “निर्भया कांड के बाद सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए जो भी दावे किए थे, वो सिर्फ पेपरों में ही सिमट कर रह गए हैं। सीसीटीवी लगाए जाने की बात हो या पुलिस की गश्त बढ़ाने की बात हो सब कागज़ों में ही सिमट कर रह गए हैं और बेटियां आज भी दरिंदगी का शिकार होती जा रही हैं।”

Hindi News / Miscellenous India / निर्भया कांड 5वीं बरसी: अंधेरे से आज भी डर लगता है, मेरी बेटी अस्पताल में तड़प रही है

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.