तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि अब तक हमारे पास राष्ट्रपति की ओर से कोई खत नहीं आया है। जिस खत में निर्भया के दोषियों को फांसी दिए जाने की बात हो। प्रशासन के इस जवाब के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
निर्भया के दोषियों को फांसी देने से पहले छलका जल्लाद का दर्द, पीएम मोदी को लिखा खत और फिर आपको बता दें कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि निर्भया के दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। इसके साथ ही दया याचिका पर राष्ट्रपति की ओर से अब तक कोई जवाब हमारे पास नहीं आया है। ऐसे में जब तक कोई निर्देश नहीं आ जाता तब तक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती।
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निर्भया के दोषियों को लेकर तिहाड़ प्रशासन की मानें तो वो तब तक कोई कदम नहीं उठाएगा जब तक उनके पास राष्ट्रपति की ओर से कोई निर्देश नहीं आ जाता। वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर भी अब तक कोई फैसला नहीं आया है जिसमें दोषियों ने कहा है कि हमें फांसी देने की जरूर क्या है जब दिल्ली में प्रदूषण ही लोगों की जान ले रहा है।
निर्भया के दोषियों को लेकर तिहाड़ प्रशासन की मानें तो वो तब तक कोई कदम नहीं उठाएगा जब तक उनके पास राष्ट्रपति की ओर से कोई निर्देश नहीं आ जाता। वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर भी अब तक कोई फैसला नहीं आया है जिसमें दोषियों ने कहा है कि हमें फांसी देने की जरूर क्या है जब दिल्ली में प्रदूषण ही लोगों की जान ले रहा है।
अफजल की सेल में फांसी का तख्ता
तिहाड़ में फांसी का तख्ता यहां की उस जेल नंबर-3 में है जिसमें संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को रखा गया था। जेल नंबर-3 की डयोढ़ी में प्रवेश करने के बाद गेट से जेल के अंदर जाते ही सीधे हाथ की ओर फांसी कोठी के लिए रास्ता जा रहा है। यहां फांसी कोठी से लगते हुए ही
तिहाड़ में फांसी का तख्ता यहां की उस जेल नंबर-3 में है जिसमें संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को रखा गया था। जेल नंबर-3 की डयोढ़ी में प्रवेश करने के बाद गेट से जेल के अंदर जाते ही सीधे हाथ की ओर फांसी कोठी के लिए रास्ता जा रहा है। यहां फांसी कोठी से लगते हुए ही
16 हाई रिस्क सेल हैं। इन्हीं में से एक में अफजल को रखा गया था। इसी से लगती करीब 50 स्कवॉयर मीटर जगह में फांसी कोठी बनाई गई है। इसके गेट पर हरदम ताला लगा रहता है।