विविध भारत

निर्भया केसः कल सबसे अहम सुनवाई, दोषी बोले- अब बचने के और विकल्प बाकी

Nirbhaya Case जेल अधिकारियों से बोले दोषी- अभी विकल्प बाकी
17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होनी है अक्षय की याचिका पर सुनवाई
ट्रायल कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के चलते टाली सुनवाई

Dec 16, 2019 / 03:02 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। निर्भया को दोषियों को फांसी देने का रास्ता लगातार साफ हो रहा है। इस पूरे मामले में मंगलवार यानी 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। ये सुनवाई इसलिए अहम है क्योंकि इस पर ही निर्भया के दरिंदों की फांसी को लेकर पूरी कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
आपको बता दें कि 17 दिसंबर को अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी। मामले के चार दोषियों में से एक अक्षय की याचिका पर देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला ही तय करेगा कि दोषियों का फांसी से फासला बढ़ेगा या कम रह जाएगा।
महाराष्ट्रः देवेंद्र फडणवीस ने कर दिया सबसे बड़ी उलटफेर, उद्धव सरकार को दिया बड़ा झटका

निर्भया के माता-पिता को मिलेगा मौका
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली अक्षय की याचिका पर सुनवाई के दौरान ‘निर्भया’ के माता-पिता को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।
निर्भया के माता-पिता का कहना है कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अक्षय की याचिका को खारिज कर देगा और 18 दिसंबर को चारों दोषियों को फांसी दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई टाली
उधर..13 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि उसे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा, इसके बाद दोषियों-अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश के नाम पर डेथ वॉरंट जारी किए जाने की मांग पर वह अपना आदेश देगी।
दोषी कह रहे हैं नहीं होगी फांसी
जेल में निर्भया के दोषियों के चेहरा रंग तो उड़ा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी वो जेल अधिकारियों को कह रहे हैं कि उन्हें फांसी नहीं होगी। अभी उनके पास बहुत विकल्प बचे हुए हैं।
इस आदेश के बाद फांसी घर के पास शिफ्ट होंगे दोषी
जेल अधिकारी की मानें तो अभी दोषियों को जेल नंबर 4 में रखा गया है। जब राष्ट्रपति की ओर से इनकी दया याचिका खारिज कर दी जाएगी। उस आदेश के बाद ही इन्हें फांसी घर के पास वाले बैरक जेल नं 3 में शिफ्ट किया जाएगा।

Hindi News / Miscellenous India / निर्भया केसः कल सबसे अहम सुनवाई, दोषी बोले- अब बचने के और विकल्प बाकी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.