एनआईए के पास है यूसुफ के खिलाफ सबूत
वहीं जानकारी के मुताबिक, युसूफ ने एजाज द्वारा वेस्टर्न यूनियन के जरिए भेजी गई रकम स्वीकार की है। एनआईए के पास इस बात के सबूत हैं कि सऊदी अरब और भारत से पैसे भेजे गए हैं। सूत्रों का कहना है कि भेजे गए पैसे का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में किया गया था। एनआईए के पास युसूफ और एजाज के बीच बातचीत के सबूत भी हैं। गिरफ्तारी के बाद एनआईए के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास रकम ट्रांसफर किए जाने के सभी दस्तावेज और कॉल रिकॉर्ड हैं। इन पुख्ता सबूतों के आधार पर ही हमने युसूफ को गिरफ्तार करने का फैसला लिया है।’
वहीं जानकारी के मुताबिक, युसूफ ने एजाज द्वारा वेस्टर्न यूनियन के जरिए भेजी गई रकम स्वीकार की है। एनआईए के पास इस बात के सबूत हैं कि सऊदी अरब और भारत से पैसे भेजे गए हैं। सूत्रों का कहना है कि भेजे गए पैसे का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में किया गया था। एनआईए के पास युसूफ और एजाज के बीच बातचीत के सबूत भी हैं। गिरफ्तारी के बाद एनआईए के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास रकम ट्रांसफर किए जाने के सभी दस्तावेज और कॉल रिकॉर्ड हैं। इन पुख्ता सबूतों के आधार पर ही हमने युसूफ को गिरफ्तार करने का फैसला लिया है।’
कल ही कश्मीर में वार्ता प्रक्रिया की हुई थी घोषणा
सलाहुद्दीन के बेटे यूसुफ की गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब घाटी में एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वार्ता प्रक्रिया आगे बढ़ाने की घोषणा की थी और आईबी के पूर्व निदेशक दीनेश्वर शर्मा को राज्य में सभी साझेदारों से वार्ता के लिए प्रतिनिधि नियुक्त किया था।
सलाहुद्दीन के बेटे यूसुफ की गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब घाटी में एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वार्ता प्रक्रिया आगे बढ़ाने की घोषणा की थी और आईबी के पूर्व निदेशक दीनेश्वर शर्मा को राज्य में सभी साझेदारों से वार्ता के लिए प्रतिनिधि नियुक्त किया था।
4 अन्य आरोपी तिहाड़ जेल में हैं बंद
सलाहुद्दीन के बेटे से पहले इस मामले में आरोपी बनाए गए चार शख्स दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि दो का कुछ अता-पता नहीं है। हाल ही में NIA ने इस मामले की जांच फिर शुरू की थी, और उसका मानना है कि फोन कॉल रिकॉर्ड के रूप में उनके पास सबूत मौजूद हैं।
सलाहुद्दीन के बेटे से पहले इस मामले में आरोपी बनाए गए चार शख्स दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि दो का कुछ अता-पता नहीं है। हाल ही में NIA ने इस मामले की जांच फिर शुरू की थी, और उसका मानना है कि फोन कॉल रिकॉर्ड के रूप में उनके पास सबूत मौजूद हैं।
स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था टेरर फंडिंग का खुलासा
आपको बता दें कि कश्मीर में होने वाली हिंसक घटनाओं और आतंकी हमलों के पीछे अलगाववादियों का हाथ है, इस बात पर से पर्दा तभी उठ गया था जब एक अलगाववादी नेता ने एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में सबकुछ कबूल किया था। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद ही अलगाववादियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया था और टेरर फंडिंग की जांच एनआईए को सौंप दी थी।
आपको बता दें कि कश्मीर में होने वाली हिंसक घटनाओं और आतंकी हमलों के पीछे अलगाववादियों का हाथ है, इस बात पर से पर्दा तभी उठ गया था जब एक अलगाववादी नेता ने एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में सबकुछ कबूल किया था। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद ही अलगाववादियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया था और टेरर फंडिंग की जांच एनआईए को सौंप दी थी।