दरअसल दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। नई गाइडलाइन के मुताबिक अब अब हर कोरोना पॉजिटिव मरीज ( Corona Positive Case ) को कम से कम एक बार सरकारी कोविड सेंटर में जाना होगा। उसकी बीमारी की स्थिति का अस्पताल में मूल्यांकन किया जाएगा। लेकिन इस नई निर्देश ने स्वास्थ्य विभाग को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है।
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दिल्ली में कोविड-19 (Covid-19) के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच हाल में कुछ नई गाइडलाइंस (New Guidelines) जारी की गई हैं।
दिल्ली में कोविड-19 (Covid-19) के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच हाल में कुछ नई गाइडलाइंस (New Guidelines) जारी की गई हैं।
इनमें से एक निर्देश के मुताबिक अब हर कोरोना संक्रमित मरीज को एक बार सरकारी कोविड सेंटर में जाना होगा। उसकी बीमारी की स्थिति का अस्पताल में ही मूल्यांकन होगा। डॉक्टरों से परामर्श के बाद उसे होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा।
अब स्वास्थ्य विभाग के लिए जो परेशानी खड़ी हुई है वो ये कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इतनी एंबुलेंस ही नहीं है, जितनी तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ चुकी है। जानकारों की मानें तो इन निर्देश के पालन में काफी समस्याएं आएंगी।
24 घंटे में लगानी होंगी 18 ट्रिप
दरअसल दिल्ली में मौजूद समय में 163 सरकारी एंबुलेंस हैं। जो 24/7 काम कर रही हैं। लेकिन नए निर्देश के बाद इन एंबुलेंस को 24 घंटे में कम से कम 18 ट्रिप लगानी पड़ेंगी। एंबुलेंस सुविधा से जुड़े लोगों की मानें तो ऐसा करना बहुत मुश्किल है।
दरअसल दिल्ली में मौजूद समय में 163 सरकारी एंबुलेंस हैं। जो 24/7 काम कर रही हैं। लेकिन नए निर्देश के बाद इन एंबुलेंस को 24 घंटे में कम से कम 18 ट्रिप लगानी पड़ेंगी। एंबुलेंस सुविधा से जुड़े लोगों की मानें तो ऐसा करना बहुत मुश्किल है।
हर ट्रिप के बाद 2 घंटे सैनिटाइजेश के लिए
हर ट्रिप के बाद अनिवार्य तौर पर एंबुलेंस का सैनेटाइजेशन किया जाता है। इसमें करीब दो घंटे का समय लगता है। मुश्किल ये भी है कि एंबुलेंस को कई मरीजों को वापस घर भी लेकर जाना होगा क्योंकि निश्चित तौर पर अस्पताल से कई मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए भी भेजा जाएगा।
हर ट्रिप के बाद अनिवार्य तौर पर एंबुलेंस का सैनेटाइजेशन किया जाता है। इसमें करीब दो घंटे का समय लगता है। मुश्किल ये भी है कि एंबुलेंस को कई मरीजों को वापस घर भी लेकर जाना होगा क्योंकि निश्चित तौर पर अस्पताल से कई मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए भी भेजा जाएगा।
कोरोना के 90 प्रतिशत मरीजों में बेहद हल्के लक्षण होते हैं जिन्हें ICU या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ती। इससे पहले तक अगर कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलता था तो उसके घर जाकर ही परीक्षण की व्यवस्था की गई थी।
उपमुख्यमंत्री ने की आदेश वापस लेने की मांग
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मंगलवार को इस निर्देश को वापस लिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा जिस संख्या दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से अस्पतालों में बाहर मरीजों की लाइन लग जाएगी, जो कोरोना के फैलाव का बड़ा खतरा बन सकता है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मंगलवार को इस निर्देश को वापस लिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा जिस संख्या दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से अस्पतालों में बाहर मरीजों की लाइन लग जाएगी, जो कोरोना के फैलाव का बड़ा खतरा बन सकता है।