बरेली। हज यात्रा पर जाने वाले लोगों को दरगाह आला हजरत के सुन्नी बरेलवी मौलवियों ने नया फतवा जारी कर कहा है कि वे हज पर जाने से पहले अपने सारे कर्ज चुकाएं। फतवे में कहा गया है कि इस्लामी कानून के मुताबिक हज जाने से पहले लोगों को अपने सारे कर्ज चुका देने चाहिए। मौलवियों को कहना है कि इसमें सरकार को दिए जाना वाला टैक्स भी कर्जा है, हज पर जाने से पहले उसे भी क्लीयर करना चाहिए।
अल्लाह से मिलते वक्त न हो कर्जफतवा जारी करने वाले मौलवी मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने कहा कि इस्लामी कानून के मुताबिक हज जाने वाले शख्स को अपने सभी कर्ज चुका देने चाहिए। पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा था कि जब कोई व्यक्ति हज पर जाता है तो वह अल्लाह से मिलने के लिए जाता है। इसलिए उस व्यक्ति पर किसी तरह का कर्ज नहीं होना चाहिए।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, भ्रष्टाचार न रूके तो ना दें टैक्सपहले रोजमर्रा की जिम्मेदारियां करें पूरी, फिर जाएं हज
मौलवी ने कहा कि सरकारी टैक्स भी कर्ज माने जाते हैं। इसलिए हज जाने वालों को हज जाने से पहले सभी टैक्स चुका देने चाहिए। इस्लाम के मुताबिक लोगों को पहले अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारियां पूरी करनी चाहिए फिर धार्मिक जिम्मेदारियां पूरी करने पर ध्यान देना चाहिए।
चुकाएं सरकारी टैक्स और बकायानूरी ने कहा कि लोगों से गुजारिश की गई है कि नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही हज जाने वाले लोग अपना सारा बकाया टैक्स चुका दें। साथही घर पर इतना पैसा जरूर छोड़कर जाए कि उनके हज पर होने के दौरान घर पर मौजूद लोगों को किसी तरह की माली तंगी का सामना न करना पड़े।