उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस ( Teacher’s Day ) महान दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है। उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु में हुआ था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विट में लिखा है कि हम मन को आकार देने और राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान के लिए मेहनती और दूरदर्शी शिक्षकों के प्रति आभारी हैं। हम डॉ. एस राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
Teachers Day : एक छोटे से गांव में जन्मे APJ Abdul Kalam का राष्ट्रपति पद तक का सफर टीचर्स डे पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन एक दार्शनिक, लेखक, राजनेता और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उन्हीं की याद में यह दिवस ( Teacher’s Day ) मनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान प्रशंसनीय है। डॉ. एस राधाकृष्णन के जन्मदिन को सभी शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए 1962 में इस परंपरा की शुरुआत हुई थी।
बता दें कि डॉ. एस राधाकृष्णन ने अपने लेखों, भाषणों और विचारों के जरिए पूरी दुनिया को भारतीय दर्शन शास्त्र और परंपरा से परिचित कराया था। वह अध्यापन को सबसे उत्कृष्ट कार्य मानते थे। राधाकृष्णन ने अपने करिअर की शुरुआत भी शिक्षण कार्य से ही शुरू किया और जीवनपर्यंत इस काम में जुटे रहे। यही वजह है कि उनके जन्म दिवस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Army Chief MM Narvane बोले – एलएसी पर भारतीय सेना हर मुकाबले के लिए तैयार शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। इतना ही नहीं, अमरीकी सरकार ने उन्हें मरणोपरांत 1975 में टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार धर्म के क्षेत्र में उत्थान और सुधार के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार पाने वाले राधाकृष्णन पहले गैर-ईसाई सम्प्रदाय के व्यक्ति थे।