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Nagpanchmi पर इस बार बन रहा है दुर्लभ योग, जानें Corona काल में कैसे और किस मुहूर्त में मनाएं त्योहार

Sawan महीने में 25 जुलाई को मनाया जाएगा Nagpanchami Festival
Corona काल के चलते इस बार घर पर ही मनाया जाएगा त्योहार
इस बार खास है नागपंचमी का त्योहार, बन रहा है दुर्लभ संयोग

Jul 24, 2020 / 01:19 pm

धीरज शर्मा

नागपंचमी का त्योहार

नई दिल्ली। सावन का महीना शुरू होते ही हिंदुओं के कई बड़े त्योहार भी शुरू हो जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक है नागपंचमी ( Nagpanchami )। सावन महीने की शुक्ल पंचमी तिथि को हर वर्ष नागपंचमी मनाई जाती है। इस बार नागपंचमी का त्योहार 25 जुलाई शनिवार को पड़ रहा है।
इस बार नागपंचमी का त्योहार कुछ खास है। दरअसल ज्योतिषों के मुताबिक इस वर्ष नागपंचमी का पर्व उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के पहले चरण में पड़ रहा है। ज्योतिष बताते हैं ये योग काफी दुर्लभ है। यही वजह है कि इस बार नागपंचमी और भी खास है।
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नागपंचमी पर भगवान शिव-पार्वती के साथ नाग की पूजा करने का महत्व है। इस वर्ष पड़ने वाले नागपंचमी के मुहूर्त की बात करें तो ये तिथि 24 जुलाई को दोपहर 2.55 से लेकर 25 जुलाई दोपहर 2 बजे तक रहेगी। वहीं पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक है।
आपको बता दें कि नागपंचमी का पर्व सांपों के संरक्षण और जैव विविधता को बनाये रखने का संदेश देता है।

कोरोना काल में ऐसे मनाएं नागपंचमी
कोरोना काल के चलते इस वर्ष ज्यादातर त्योहार घरों पर ही मनाए जा रहे हैं। यही वजह है कि इस बार नागपंचमी को लेकर भी सरकार ने हिदायत दी है। व्रत करने वाले श्रद्धालु अपने घर पर मिट्टी, गोबर या आटे से सर्प की आकृति बनाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
आपको बता दें कि उत्तर भारत में नाग पंचमी के दिन मनसा देवी की पूजा होती है, जिन्हें नागों की माता कहा जाता है।

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इनके लिए फलदायी होगी नागपंचमी
नागपंचमी मनाए जाने से ऋण मुक्ति और स्वास्थ्य के लिए विशेष शुभ है। कालसर्प योग के जातकों के लिए भी नागपंचमी के दिन पूजा विशेष फलदायी रहेगी। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार मंदिरों पर मेले नहीं लग पाएंगे। श्रद्धालु नागदेवता के दर्शन भी नहीं कर पाएंगे।
सांप को दूध पिलाने से बचें
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अवनीश पांडे बताते हैं कि भले ही हिंदू परंपरा के मुताबिक नागपंचमी पर सांप को दूध पिलाया जाता है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि सांप स्तनधारी जीव नहीं है। ऐसे में सर्प को दूध पिलाने से उसका पाचन तंत्र खराब हो जाता है और असमय ही सांप की मृत्यु हो जाती है।

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