कोरोना काल के चलते इस वर्ष ज्यादातर त्योहार घरों पर ही मनाए जा रहे हैं। यही वजह है कि इस बार नागपंचमी को लेकर भी सरकार ने हिदायत दी है। व्रत करने वाले श्रद्धालु अपने घर पर मिट्टी, गोबर या आटे से सर्प की आकृति बनाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
नागपंचमी मनाए जाने से ऋण मुक्ति और स्वास्थ्य के लिए विशेष शुभ है। कालसर्प योग के जातकों के लिए भी नागपंचमी के दिन पूजा विशेष फलदायी रहेगी। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार मंदिरों पर मेले नहीं लग पाएंगे। श्रद्धालु नागदेवता के दर्शन भी नहीं कर पाएंगे।
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अवनीश पांडे बताते हैं कि भले ही हिंदू परंपरा के मुताबिक नागपंचमी पर सांप को दूध पिलाया जाता है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि सांप स्तनधारी जीव नहीं है। ऐसे में सर्प को दूध पिलाने से उसका पाचन तंत्र खराब हो जाता है और असमय ही सांप की मृत्यु हो जाती है।