परबत काटे सागर पाटे, महल बनाए हमने। पत्थर पर बगिया लहराई फूल खिलाए हमने। 1953 में आई फिल्म दो बीघा जमीन का ये गीत ना सिर्फ उस दौरान बल्कि अब मधुर संगीत सुनने वालों का पसंदीदा गीत है।
धरती कहे पुकार के…बीज बिछा ले प्यार के…इसी फिल्म का ये गीत बलराज सहानी पर फिल्माया गया। इसे आवाज मन्ना डे ने दी। ये गीत भी काफी पॉपुलर हुआ।
फिल्म बरखा का टाइटल गीत- ‘ओ सजना बरखा बहार आई, रस की फुहार लाई’ भी जबरदस्त हिट रहा। इस गीत ने युवतियों और महिलाओं को दिल में खास जगह बनाई।
देवानंद और माला सिन्हा अभिनीत 1961 में आई फिल्म माया का गीत ‘जा रे उड़ जा रे पंछी, बहारों के देश जा रे’…भी सुपर हिट रहा। इस गीत को भी सलिल चौधरी ने सजाया।
1961 में ही फिल्म आई काबुलीवाला और इस फिल्म का गीत ‘ऐ मेरे प्यारे वतन…ऐ मेर बिछड़े चमन’ आज भी लोगों की जुबां पर देश भक्ति का जज्बा पैदा कर देता है।
राजेश खन्ना अभिनीत फिल्म आनंद का ये गीत जिंदगी कैसी है पहेली हाए…भी सहादबहार गीतों में शामिल है। ये फिल्म 1971 में आई और इस गीत ने लोगों की जुबां पर जगह बनाई।
1971 में आई फिल्म ‘मेरे अपने’ का गीत ‘सब कुछ ठीक ठाक है, बीए किया है, एमए किया है, लगता है वो भी ऐवें किया, काम नहीं है वरना यहां, आपकी दुआ से सब ठीक ठाक है’ युवाओं के सिर चढ़कर बोला।