Coronavirus के खिलाफ जंग में भारत को मिली बड़ी सफलता, सुनकर कम हो जाएगा महामारी का डर मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस के कंटेनमेंट जोन के बाहर ही उत्सवों और त्योहारों के कार्यक्रम व समारोह आयोजित किए जाने की इजाजत दी जाएगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले आयोजकों, कर्मचारियों और आगंतुकों को इन कार्यक्रमों-समारोह में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने घरों के अंदर ही सभी त्योहार मनाएं।
इन एसओपी में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि त्योहारों से संबंधित मेलों, रैलियों, प्रदर्शनियों, सांस्कृतिक समारोहों, जुलूसों और कॉन्सर्ट्स आदि के आयोजकों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। उन्हें समारोह स्थल पर आने वाले लोगों के निवास स्थान की पहचान करने (यह जानने की कहीं वे कंटेनमेंट जोन से तो नहीं हैं) के साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन आदि एहतियातन उपायों का पालन करने के लिए विस्तृत योजना तैयार करनी होगी।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक कई दिनों तक या हफ्तेभर चलने वाले समारोहों के दौरान पीक आवर्स या विशेष दिन को चिह्नित करते हुए आयोजकों को बार-बार सैनेटाइजेशन, भीड़ को नियंत्रित कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना भी सुनिश्चित करना होगा।
एक गलती पर चीन को तबाह करने की तैयारी, सरकार ने परमाणु मिसाइल शौर्य की तैनाती को दी मंजूरी वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि रैलियों एवं विसर्जन के लिए निकलने वाले जुलूसों में निर्धारित सीमा से लोगों की संख्या ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस दौरान सभी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा लंबी रैलियों-जुलूसों में एंबुलेंस सुविधा भी मौजूद होनी चाहिए।
केंद्र का कहना है कि इन समारोहों-उत्सवों-जुलूसों आदि के दौरान लोगों की संख्या सीमित रखने और प्रवेश प्रतिबंधित करने पर भी विचार किया जा सकता है। थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना सुनिश्चित किए जाने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती भी उचित संख्या की जानी चाहिए। इतना ही नहीं जो दिशा-निर्देश रंगमंच और सिनेमा कलाकारों के लिए जारी किए गए थे वही गाइडलाइंस मंच के कलाकारों पर भी लागू होंगे।
इन सबके अलावा सरकार द्वारा जारी सभी मानदंडों का सही ढंग से पालन किया भी जा रहा है या नहीं, इसकी निगरानी करने के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों। रैलियों-जुलूसों के लिए मार्ग योजना, विसर्जन स्थल की पहचान, लोगों की संख्या तय करना, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की तैयारी समेत अन्य उपायों के लिए पहले से योजनाएं बना लेनी चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू करने के लिए कदम उठाने चाहिए।