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इस बंगले को डिज़ाइन Claude Batley ने किया था। साथ ही इस बंगले के निर्माण के लिए इटली से ख़ास कामगारों को भारत लाया गया था। यही नहीं इसमें इंग्लैंड के संगमरमर और अखरोट की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया था। संरक्षित विरासत का दर्जा हासिल इस इमारत में विभाजन से पहले जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और जिन्ना के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। एक समय था जब पाकिस्तान, जिन्ना हाउस को अपना मुंबई का वाणिज्य दूतावास बनाना चाहता था। लेकिन सरकार ने एसा नहीं होने दिया।
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अगर इस आलीशान बंगले की बात करें तो इसमें बहुत सारे बड़े-बड़े आलिशान कमरे हैं।साथ ही इसमें कई बड़े हॉल भी हैं जो शायद मीटिंग के लिए बनाए गए हो सकते है। कहा तो य़ह भी जाता है कि इस बंगले रहने वाले लोगों को दुश्मनों से बचाने के लिए खुफिया रास्ते भी दिए गए हैं। इतना ही नहीं, अगर इस बंगले की मजबूती की बात करे तो इसकी दीवारें काफी मोटी हैं जो इस बंगले को सालों तक टिकाए रखेंगी।