1. आत्मनिर्भर भारत अभियान ( Atmanirbhar Bharat Abhiyan ) चीन के वुहान से कोरोना वायरस की समस्या विश्वव्यापी संकट ( Global Crisis ) में तब्दील होने के बाद मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी तरह लॉकडाउन के फैसले ने सबको चौंका दिया। देशभर में एक साथ लॉकडाउन की घोषणा के बारे में कोई सोच भी नहीं पाया था। इस फैसले का दूरगामी असर देश की अर्थव्यवस्था पर हुआ।
इस बात को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज ( Economic Package ) का एलान करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी शुरुआत की। इस फैसले से भारत चीन की तरह आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
इस फैसले की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हम सबका सपना ही नहीं जिम्मेदारी भी है। इसके लिए आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना होगा। पीएम मोदी ने लैंड, लेबर, लिक्विडटी के साथ-साथ इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड जैसे पांच पिलरों को मजबूती देने का आह्वान किया है।
2. अनुच्छेद 370 की समाप्ति ( End of article 370 ) मोदी सरकार 2.0 ने अपने सबसे एतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया, जो जनसंघ के जमाने से उसकी प्राथमिकता में रहा है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) को निष्प्रभावी बनाने का कदम उठाने के साथ-साथ राज्य को दो हिस्सो में बांटने का काम भी इसी कार्यकाल में हुआ।
सरकार के फैसले पर मुहर लगाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव मंजूर किया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान ( One country, one legislation and one mark ) लागू हो गया है।
3. तीन तलाक ( Triple Talaq ) प्रचंड बहुमत से दूसरी बार सत्ता में आते ही नरेंद्र मोदी सरकार ने सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया। मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 ( Muslim Women Marriage Rights Protection Bill-2019 ) को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया। एक अगस्त, 2019 से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया। राज्यसभा में बहुमत न होन के बाद भी मोदी सरकार इस कानून को अमलीजामा पहनाने में कामयाब रही। सरकार के पहले कार्यकाल से ही यह मुद्दा बीजेपी के प्रमुख एजेंडे में शामिल था।
4. नागरिकता संशोधन कानून ( Citizenship amendment Law ) नागरिकता संशोधन कानून को भी मोदी सरकार 2.0 के बड़े फैसले में शामिल है। 10 जनवरी, 2020 को इसे पूरे देश मे लागू कर दिया गया। इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, इसाई और यहूदी को भारतीय नागरिकता मिल सकती है। इस कानून में किए गए बदलाव को लेकर देश भर में कई महीने तक विरोध प्रदर्शन हुए। मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन की। आंदोलन की उग्रता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक ने कहा कि इस कानून के जरिए देश के किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।
5. UAPA एक्ट में संशोधन UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019 ( Unlawful Activities Prevention (Amendment) Bill-2019 ) को संसद से अमलीजामा पहनाया गया। नया यूएपीए कानून आतंकी गतिविधियों में लिप्त या उसे प्रोत्साहित करते मिले किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का अधिकार देता है। हाल ही में यूएपीए कानून के तहत मोदी सरकार ने मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर और जकीउर रहमान लखवी को आतंकी घोषित किया हैं। नया कानून NIA को आरोपी की प्रापर्टी जब्त करने का अधिकार देता है।
6. वन नेशन, वन राशन कार्ड ( One Nation, One Ration Card ) लोकसभा चुनाव 2019 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को भी अमलीजामा पहनाने का काम किया गया। इस योजना के तहत एक ही राशन कार्ड पर कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी हिस्से में उचित मूल्य (जन वितरण प्रणाली) की दुकान से राशन ले सकेगा। केंद्र सरकार 1 जून, 2020 से वन नेशन वन राशन कार्ड सेवा की शुरुआत करने जा रही है। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और दमन-दीव पहले ही जुड़ चुके हैं। मोदी सरकार को उम्मीद है कि इससे न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
7. बड़े बैंकों का विलय ( Merger of Big Banks ) केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया है। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया। सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ने का एलान किया। बताया जा रहा है कि बैंकों के विलय से बढ़ते NPA से राहत मिलेगा।