Explainer: एक ही तकनीक से बनने के बाद भी Moderna वैक्सीन Pfizer को छोड़ सकती है पीछे, जानिए कैसे
यूएस में Moderna Vaccine को मिली मंजूरी
अमरीका खरीदेगी 20 करोड़ डोज, 60 लाख की खेप आपूर्ति के लिए तैयार
Moderna कंपनी का दावा बिना लक्षण वालों पर भी असरदार रहेगी वैक्सीन
नई दिल्ली। यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमरीका ( USA ) के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ( FDA ) ने Pfizer/Biontech की वैक्सीन को मंजूरी देने के एक सप्ताह बाद मॉडर्ना वैक्सीन ( Moderna Vaccine ) को भी मंजूरी दे दी है।
अमरीका ने मॉडर्ना की वैक्सीन की 20 करोड़ खेप की खरीदारी की है, इसमें साठ लाख वैक्सीन की खेप आपूर्ति के लिए तैयार हैं। आईए जानते हैं कि अमरीका में मिली तीसरी वैक्सीन मॉडर्ना एक ही तकनीक पर बने होने के बाद भ कैसे फाइजर/बायोनटेक को छोड़ सकती है पीछे। दोनों के बीच क्या है अंतर और समानताएं। साथ ही ये भी जानेंगे कि क्या वैक्सीन के बाद भी मास्क जरूरी है।
फाइजर/बायोनटेक और मॉडर्ना दोनों टीके कोरोनोवायरस की सतह पर मुकुट जैसी स्पाइकों को लक्षित करते हैं जो इसे स्वस्थ मानव कोशिकाओं में तोड़ने के लिए उपयोग करता है। दोनों टीके एक ही तरह से प्रभावी दिखाई देते हैं। इसके लेट-स्टेज ट्रायल में रोग के लक्षणों को रोकने के लिए फाइजर और बायोएनटेक का टीका लगभग 95% प्रभावी था, जबकि मॉडर्न का टीका लगभग 94% प्रभावी था।
दोनों में दी जाती है दो खुराक: फाइजर के दो इंजेक्शन 21 दिन के अंतराल पर लगाए जाते हैं और दूसरी डोज बूस्टर का काम करती है। पहली डोज के बाद ही इम्यूनिटी काम करना शुरू कर देती है लेकिन दूसरी डोज दिए जाने के सात दिन बाद ही वैक्सीन अपना पूरा प्रभाव दिखाती है।
वहीं मॉडर्न का दूसरा इंजेक्शन पहले इंजेक्शन के 28 दिनों बाद लगाया जाएगा क्या है इन वैक्सीन के बीच अंतरCOLD बनाम ULTRA-COLD: दोनों टीकों के बीच मुख्य अंतर तापमान है जो उन्हें स्थिर दीर्घकालिक बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
फाइजर का टीका माइनस 70 डिग्री सेल्सियस (-94 फारेनहाइट) के अति-ठंडे तापमान पर संग्रहित किया जाना चाहिए। एक बार पिघलने के बाद, इसे केवल 5 दिनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वैक्सीन को उचित तापमान पर रखने के लिए सूखी बर्फ से भरे एक विशेष शिपिंग कंटेनर की आवश्यकता होती है। ऐसे में इसका परिवहन मुश्किल है। जो इसे मॉडर्ना के मुकाबले मांग में थोड़ा कमजोर बनाता है।
वहीं मॉडर्ना के टीके को छह महीने तक -20 डिग्री सेल्सियस (-4 फारेनहाइट) के मानक फ्रीजर तापमान पर संग्रहित किया जा सकता है। इसके पिघलने के बाद, इसे 30 दिनों तक रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है। यही सबसे बड़ा कारण है कि एक ही तकनीक पर बने होने के बाद भी मॉडर्ना अपने कम तापमान में संग्रहित होने की क्षमता की चलते फाइजर/बायोनटेक को पीछे छोड़ सकती है।
इसके अलावा मॉडर्ना कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन बिना लक्षण वाले लोगों पर असरदार साबित होगी। जो इसकी डिमांड को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है। यहां हो रहा उत्पादन मॉडर्ना का अधिकतर उत्पादन कैम्ब्रजि और मैसाचुसेट्स में हो रहा है जबकि फाइजर/ बायोएनटेक कई देशों में बनाई जा रही है जिसमें जर्मनी और बेल्जियम भी शामिल हैं।
साइड इफेक्ट्स और सुरक्षा टीके के दो बड़े पैमाने पर परीक्षणों में से किसी ने भी लंबे समय तक साइड इफेक्ट नहीं किए। लेकिन टीकों में थोड़ा अलग-अलग अल्पकालिक दुष्प्रभाव होते हैं। मॉडर्ना: दिन में एक या दो बार थकावट, सिरदर्द और बुखार के कुछ और गंभीर मामलों से जुड़ा हुआ दिखाई देता है, विशेषकर 65 से कम उम्र के लोगों में।
फाइजर: टीके में गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं के कुछ मामलों देखने को मिले हैं। फाइजर/बायोनटेक वैक्सीन प्राप्त करने के तुरंत बाद ब्रिटेन में कम से कम दो हेल्थकेयर श्रमिकों और अलास्का में दो ने गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं की सूचना दी है।
ये लोग ना लगाएं फाइजर का टीका ब्रिटेन के चिकित्सा नियामक ने किसी को भी एनाफिलेक्सिस से जुड़े या फिर भोजन से होने वाली गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं वाले मरीजों को फाइजर / बायोटेक COVID-19 टीका नहीं लगाने की सलाह दी है।
अमरीका में भी वैक्सीन के लिए पहले हेल्थ वर्कर्स और केयर होम में रहने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है। प्राथमिकता वाले समूह से अलग बाकी अमरीकियों को जनवरी में वैक्सीन मिल सकेगी।
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