कुछ लोगों ने भले ही लॉकडाउन पर आराम किया हो, लेकिन कुछ लोगों ने इस दौरान अपनी शौक और जज्बे को बखूबी अंजाम दिया। कुछ ऐसा ही किया मिजोरम के राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई ने। मिजोरम ( Mizoram ) के राज्यपाल ( Governor ) श्रीधरन पिल्लई ( Sreedharan Pillai ) ने लॉकडाउन के दौरान एक दो नहीं बल्कि पूरी 13 किताबें ( Book ) लिख डालीं। इसमें अंग्रेजी और मलयालम भाषा की किताबें प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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राज्यपाल श्रीधरन की मानें तो उन्होंने राजभवन में लॉकडाउन का सदुपयोग किया। उन्होंने बताया कि Coroan Lockdown की वजह से काफी समय मिला। यही वजह रही मैंने अपने लेखन के काम को आगे बढ़ाया।
राज्यपाल श्रीधरन की मानें तो उन्होंने राजभवन में लॉकडाउन का सदुपयोग किया। उन्होंने बताया कि Coroan Lockdown की वजह से काफी समय मिला। यही वजह रही मैंने अपने लेखन के काम को आगे बढ़ाया।
श्रीधरन के मुताबिक राजभवन में किसी को आने की इजाजत नहीं थी। लोगों के साथ मेरा संवाद भी काफी कम ही था। यही नहीं इस दौरान सभी आगामी यात्राओं को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। यही वजह रही कि मुझे पढ़ने और लिखने के लिए काफी वक्त मिला।
राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान आधिकारिक ड्यूटी के बाद अपना ज्यादातर समय पढ़ने और लिखने में ही बिताया। श्रीधरन के मुताबिक सुबह चार बजे उठ जाते थे और इसके बाद कुछ समय व्यायाम करते और फिर पढ़ना-लिखना शुरू कर देते।
सभी को डालनी चाहिए किताबें पढ़ने की आदत
राज्यपाल ने कहा कि- मेरा मानना है कि जनप्रतिनिधियों को भी किताबें पढ़ने की आदत होनी चाहिए। इससे उन्हें लोगों को शिक्षित करने में मदद मिलेगी। तीस वर्षों से लिख रहे किताबें
आपको बता दें कि राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई का ये शौक नया नहीं बल्कि वे पिछले तीस वर्षों यानी तीन दशकों से किताबें लिख रहे हैं। अब तक वे 121 किताबों को प्रकाशित भी करवा चुके हैं।
राज्यपाल ने कहा कि- मेरा मानना है कि जनप्रतिनिधियों को भी किताबें पढ़ने की आदत होनी चाहिए। इससे उन्हें लोगों को शिक्षित करने में मदद मिलेगी। तीस वर्षों से लिख रहे किताबें
आपको बता दें कि राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई का ये शौक नया नहीं बल्कि वे पिछले तीस वर्षों यानी तीन दशकों से किताबें लिख रहे हैं। अब तक वे 121 किताबों को प्रकाशित भी करवा चुके हैं।
श्रीधरन और किताबों का साथ
– 30 वर्ष पहले शुरू किया लिखना
– 121 किताबें हो चुकीं प्रकाशित
-13 किताबें लॉकडाउन के दौरान लिख डालीं
– 1983 में प्रकाशित हुई थी पहली किताब
– 105 किताबें राज्यपाल बनने के बाद हुईं प्रकाशित
– 30 वर्ष पहले शुरू किया लिखना
– 121 किताबें हो चुकीं प्रकाशित
-13 किताबें लॉकडाउन के दौरान लिख डालीं
– 1983 में प्रकाशित हुई थी पहली किताब
– 105 किताबें राज्यपाल बनने के बाद हुईं प्रकाशित
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माननीय राज्यपाल महोदय के मुताबिक किताबें लिखने की प्रेरणा उन्हें बचपन में ही मिल गई थी। उन्होंने कहा कि वह बचपन से आम जनजीवन और ग्रामीण राजनीति में सक्रिय रहे हैं और वकालत करते हुए ग्रामीण जनता के साथ उनके घुलने-मिलने और बाद में नेता बनने ने उन्हें किताबें लिखने के लिए प्रेरित किया।
माननीय राज्यपाल महोदय के मुताबिक किताबें लिखने की प्रेरणा उन्हें बचपन में ही मिल गई थी। उन्होंने कहा कि वह बचपन से आम जनजीवन और ग्रामीण राजनीति में सक्रिय रहे हैं और वकालत करते हुए ग्रामीण जनता के साथ उनके घुलने-मिलने और बाद में नेता बनने ने उन्हें किताबें लिखने के लिए प्रेरित किया।
राज्यपाल ने बताया कोरोना का सकारात्मक पक्ष
राज्यपाल श्रीधरन की मानें तो कोरोना वायरस ने भले दुनिया पर बहुत ज्यादा असर डाला हो, लेकिन इसका सकारात्मक पहलू भी है। उन्होंने कहा कि इस वायरस ने मानवता को सिखाया कि हम एक-दूसरे पर कितने निर्भर हैं और इसने मनुष्यों के बीच प्यार बढ़ाया।
8 अगस्त को होगा किताबों का विमोचन
लॉकडाउन के दौरान राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई की लिखी 13 किताबों में से कुछ किताबों का विमोचन 8 अगस्त को होगा। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा उनकी कुछ किताबों का एक कार्यक्रम में विमोचन करेंगे।
राज्यपाल श्रीधरन की मानें तो कोरोना वायरस ने भले दुनिया पर बहुत ज्यादा असर डाला हो, लेकिन इसका सकारात्मक पहलू भी है। उन्होंने कहा कि इस वायरस ने मानवता को सिखाया कि हम एक-दूसरे पर कितने निर्भर हैं और इसने मनुष्यों के बीच प्यार बढ़ाया।
8 अगस्त को होगा किताबों का विमोचन
लॉकडाउन के दौरान राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई की लिखी 13 किताबों में से कुछ किताबों का विमोचन 8 अगस्त को होगा। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा उनकी कुछ किताबों का एक कार्यक्रम में विमोचन करेंगे।