यही नहीं इसरो ने एक और बड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि चंद्रयान-2 के आठ ऑन-बोर्ड उपकरण अब भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। गणेश चतुर्थी पर 126 वर्ष बाद बन रहा है खास संयोग, जानें गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त
चंद्रयान-2 ( Chandrayaan ) का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को किया गया था और एक साल पहले 20 अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। अब इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 मिशन को लेकर अहम जानकारी शेयर की है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में चारों ओर परिक्रमा करते हुए एक वर्ष पूरा कर लिया है। इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर में उच्च तकनीक वाले कैमरे लगे हैं, इन कैमरों की मदद से चांद के बाहरी वातावरण और उसकी सतह के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसरो ने एक बयान में कहा कि अंतरिक्षयान बिल्कुल ठीक था और इसकी उप प्रणालियों का प्रदर्शन सामान्य है।
7 वर्षों का ईंधन बाकी
ISRO ने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को चांद की ध्रुवीय कक्षा के 100 +/- 25 किलोमीटर के दायरे में रखा गया है। चंद्रयान-2 को लेकर एक और बड़ी जानकारी मिली है। इसरो ने कहा है कि सात और वर्षों के संचालन के लिए चंद्रयान-2 के पास पर्याप्त ईंधन है।
ISRO ने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को चांद की ध्रुवीय कक्षा के 100 +/- 25 किलोमीटर के दायरे में रखा गया है। चंद्रयान-2 को लेकर एक और बड़ी जानकारी मिली है। इसरो ने कहा है कि सात और वर्षों के संचालन के लिए चंद्रयान-2 के पास पर्याप्त ईंधन है।
इससे ये फायदा होगा कि चांद के बार में जानन के लिए दुनियाभर में लगी रेस में भारत भी बना रहेगा। क्योंकि चंद्रयान-2 में हाई रिज्योल्यूशन कैमरे लगे हैं। इनसे लगातार अहम तस्वीरें भी सामने आ रही हैं।
98 फीसदी सफल रहा था मिशन चंद्रयान
आपको बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसदी सफल रहा था। इसरो चीफ के सिवन ने कहा था कि हमने मिशन को दो हिस्सों में विकसित किया था। वैज्ञानिक उद्देश्य में पूरी सफलता मिली जबकि भौतिक उद्देश्य में हम बहुत कम चूके। ऐसे में इस मिशन को 98 फीसदी सफल माना जा सकता है।
आपको बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसदी सफल रहा था। इसरो चीफ के सिवन ने कहा था कि हमने मिशन को दो हिस्सों में विकसित किया था। वैज्ञानिक उद्देश्य में पूरी सफलता मिली जबकि भौतिक उद्देश्य में हम बहुत कम चूके। ऐसे में इस मिशन को 98 फीसदी सफल माना जा सकता है।