इस मामले में पाक की नापाक हरकत को देखते हुए भारत ( India ) ने गुरुवार को कहा कि वह मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक व पूर्व नौसेना अधिकारी कुललूषण जाधव ( Kulbhushan Jadhav ) मामले में कानूनी विकल्पों ( Legal alternatives ) पर विचार कर रहा है।
दो दिन पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि जासूसी के आरोप में पाक सैन्य अदालत ( Pakistan Army Court ) से मौत की सजा पाए जाधव ने पुनर्विचार याचिका ( Review Petition ) दायर करने से इनकार कर दिया है।
इसके जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ( MEA spokesperson Anurag Shrivastav ) ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इस चरण में हम अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम भारतीय नागरिक की जिंदगी बचाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
India China Standoff : पैंगोंग फिंगर-4 से पीछे हटीं दोनों देश की सेना, भारत का पीछे हटना चौंकाने वाली बात इसके कुछ हफ्तों बाद भारत ने जाधव को दूतावास पहुंच नहीं दिए जाने और उसे सुनाई गई मौत की सजा को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ( ICJ ) में अपील की थी। आईसीजे ने तब पाकिस्तान को सजा पर अमल करने से रोक दिया था।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। अदालत ने कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा पर प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और बिना किसी देरी के उसे भारतीय दूतावास ( Embassy of India ) की पहुंच उपलब्ध करानी चाहिए।
इसके उलट पाकिस्तान ने बुधवार को दावा किया कि जाधव ने विकल्प दिए जाने के बावजूद अपनी सजा के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है।
Galwan Valley में शौर्य पटकथा लिखने के बाद कर्नल संतोष बाबू के शहर शिफ्ट हो रही है 16 बिहार रेजिंमेंट इसके कुछ घंटों बाद ही भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को स्वांग करार देते हुए कहा कि जाधव को अधिकार छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। आईसीजे ने भारत के हक में दिया था फैसला
बता दें कि भारतीय नौसेना ( Indian Navy ) के अवकाश प्राप्त अधिकारी कुलभूषण जाधव ( Kulbhushan Jadhav ) को पाकिस्तान ( Pakistan ) की सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में साजिश रचने और आतंक फैलाने के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
इसके बाद भारत सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ( International Court ) में अपील के बाद जुलाई, 2019 में नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने करीब 26 महीने चली सुनवाई के बाद दिए भारत के हक में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण जाधव के लिए कौंसुलर संपर्क की इजाजत देने को कहा था। साथ ही जाधव के मामले की सिविलियन अदालत में सुनवाई के लिए भी अवसर मुहैया कराने को कहा था।