दरअसल, लॉकडाउन के बाद दिल्ली से अपने-अपने राज्यों के लिए पलायन कर चुके मजदूरों की भारी संख्या में सरकार को हिला कर रख दिया है।
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यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आनन-फानन में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर मजदूरों के पलायत पर तत्काल रोक लगाने की बात कही है।
दिल्ली का आऩंद बिहार बस अड्डा भी ऐसे ही मजदूरों से ठसाठस भरा हुआ है। लॉकडाउन के बाद दिल्ली और उससे आसपास के इलाकों में फैक्ट्रियां व कारखाने बंद हो जाने से मजदूर बेरोजगार हो गए, जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी जेबें भी खाली हो चली।
ऐसे में उनके पास अपने-अपने घरों को लौटने का कोई विकल्प नहीं बचा। यहां तक कि ट्रेनें और बस बंद होने के बावजूद हजारों की तदाद में मजदूर पैदल ही अपने-अपने ग्रह राज्यों के लिए निकल गए।
ऐसे में किसी के सिर पर गठरी तो किसी के हाथ में बच्चा…सड़कें ऐसे न जाने कितने लोगों से भरी दिखाई दी।
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वहीं, देशभर में मजदूरों का बड़े स्तर पर यह पलायन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में दिखाई दिया। हालांकि स्थिति हास से निकलता देख अब केंद्र और राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रवासियों से आग्रह किया कि वे लॉकडाउन के दौरान शहर छोड़कर न जाएं, और दिल्ली सरकार चार लाख से अधिक लोगों के लिए 800 से अधिक स्थानों पर दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध करा रही है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों के लिए 1000 रोडवेज बस चलाई हैं।
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