लॉकडाउन के दौरान और बाद में मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए MHA ने दिशा-निर्देश किए जारी
गृह मंत्रालय के साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिए निर्देश।
औद्योगिक इकाइयां पहले सप्ताह को एक ट्रायल की ही तरह समझें।
सभी सावधानियां बरतें और कर्मचारियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच करें।
MHA guidelines for manufacturing industries post Lockdown
नई दिल्ली।कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है। देश भर में लागू मौजूदा और पोस्ट-लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को दोबारा शुरू करने को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है। गृह मंत्रालय ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से कहा कि वे इस दौरान उच्च उत्पादन लक्ष्य हासिल करने की कोशिश न करें।
अमरीका और भारत एक साथ मिलकर कर रहे हैं तीन वैक्सीन पर काम दरअसल विशाखापट्टनम के विजाग में गैस लीक हादसे को संज्ञान में लेते हुए गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस में कहा गया है कि जोखिम को कम रखने और औद्योगिक इकाइयों को फिर से शुरू करने के मद्देनजर उद्योगों को सलाह दी जाती है कि इकाइयों को शुरू करते समय पहले सप्ताह को एक ट्रायल की तरह लें और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करें।
दिशा-निर्देश यह ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं कि यांत्रिक, विद्युत और रासायनिक उपकरण, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान बनाए नहीं रखा जा सकता है, श्रमिकों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। इस बाबत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव जीवीवी सरमा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिशा-निर्देशों का विवरण देते हुए एक पत्र भी लिखा है।
सरमा ने कहा, “लॉकडाउन अवधि के दौरान कई हफ्तों तक औद्योगिक इकाइयों के बंद रहने के कारण यह संभव है कि कुछ ऑपरेटरों ने स्थापित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया होगा। परिणामस्वरूप कुछ विनिर्माण सुविधाएं, पाइपलाइनें, वॉल्व, आदि में अवशिष्ट रसायन हो सकते हैं, जो जोखिम पैदा कर सकते हैं। खतरनाक रसायनों और ज्वलनशील पदार्थों के साथ भंडारण सुविधाओं के लिए भी यही हकीकत है।”
शराब के लिए लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र ने उठाया बड़ा कदम, सील कर दी सीमाएं दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर देश में 14-दिन का लॉकडाउन 3.0 चालू है और यह 17 मई को समाप्त होगा। ऐसे में सभी प्रमुख सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के प्रशासकों को शनिवार को दिशानिर्देश जारी किए गए।
मंत्रालय ने जोखिम को कम करने को लेकर सलाह दी है कि विशिष्ट उपकरणों पर काम करने वाले कर्मचारियों को चाहिए कि वह असामान्य आवाज या गंध, एक्सपोज्ड वायर, कंपन, लीक, धुएं, असामान्य वौब्लिंग या अन्य प्रकार की असामान्यताओं की पहचान करें और इसके बारे में जागरूक रहें, ताकि तत्काल रखरखाव की आवश्यकता पड़ने पर संभावित खतरनाक संकेतों पर शटडाउन किया जा सके।
उन्होंने जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि COVID-19 लॉकडाउन के दौरान और बाद में उद्योगों की सुरक्षित पुनः शुरुआत के लिए औद्योगिक ऑन-साइट आपदा प्रबंधन योजनाएं सुनिश्चित हों और मानक संचालन प्रक्रिया पूरी हों। विनिर्माण इकाइयों को फिर से शुरू करने के पहले सप्ताह को परीक्षण अवधि या परीक्षण माना जाना चाहिए, उन्होंने लोगों को उच्च उत्पादन लक्ष्य हासिल करने की कोशिश नहीं करने की भी सलाह दी है।
कोरोना से जंग: मई होगा महत्वपूर्ण, करो या मरो के हालात और जरा सी चूक खतरनाक इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में प्रवेश के वक्त स्वास्थ्य जांच के लिए सभी कर्मचारियों का तापमान जांच दिन में दो बार किया जाना चाहिए और लक्षण दिखाने वाले श्रमिकों को काम करने के लिए नहीं बुलाना चाहिए। दस्ताने, मुखौटे और हाथ के सैनिटाइज़र सभी कारखानों और विनिर्माण इकाइयों में अन्य चीजों के साथ प्रदान किए जाने चाहिए।