Coronavirus: महिलाओं की तुलना में पुरुष Mask पहनने से करते हैं परहेज, सामने आई बड़ी वजह
Coronavirus संकट के बीच Survey में हुआ बड़ा खुलासा
Weman की तुलना में क्यों Mask पहनने में परहेज करते हैं पुरुष, सामने आई वजह
पिछली महामारी के दौरान भी देखने को मिला था काफी फर्क
सामने आई वजह क्यों मास्क पहनने से परहेज करते हैं पुरुष
नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण ( coronavirus ) से जूझ रही है। भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देश इस वायरस का इलाज खोजने में जुटे हैं। लेकिन जब तक वैक्सान बाजारों में नहीं आ जाते सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) और फेस मास्क ( Mask ) जैसे आदतों को अपने व्यवहार में लाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।
इस बीच अध्ययनों ( Research ) और सर्वे ( Survey ) से पता चला है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष सुरक्षात्मक उपकरणों और मास्क पहनने से परहेज कर रहे हैं। पिछली महामारियों के दौरान भी पुरुषों में यही रवैया देखा गया था।
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनने की सलाह व्यापक तौर पर स्वास्थ्य संस्थानों की ओर से दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने भी कहा है कि “मास्क पहनना कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोकने की एक व्यापक रणनीति है।
महिला का कटा सिर लेकर थाने पहुंचा शख्स, वजह जानकर उड़ गए सबके होशपूर्वाग्रह बड़ी वजह मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के सीनियर लेक्चरर वैलेरियो कैपरैरो और बर्कले के मैथेमैटिकल साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट की कैनेडियन गणितज्ञ हेलेनी बार्सिलो का पुरुषों के व्यवहार को लेकर बहुचर्चित विश्लेषण प्रकाशित हुआ है।
2500 लोगों पर हुआ सर्वे इन दोनों ही विशेषज्ञों ने अमरीका में रह रहे करीब 2,500 लोगों पर एक सर्वे किया और पाया कि पुरुष ना सिर्फ महिलाओं की तुलना में मास्क पहनने को लेकर हिचकते हैं बल्कि यह भी मानते हैं कि “यह कमजोरी की निशानी है और कूल नहीं है।” यानी वे पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं।
वैलेरियो कैपरैरो बताते हैं कि, “यह खासतौर पर उन देशों में रवैया है जहां चेहरा ढकना अनिवार्य नहीं किया गया है।” इस सर्वे में देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी संख्या में इस बात के समर्थन में थीं कि जब “वो घर से बाहर निकलेंगी तो मास्क पहनेंगी।” “पुरुषों का यह भी मानना था कि वो महिलाओं की तुलना में संक्रमण से कम प्रभावित होंगे।
हालांकि ये सही नहीं अधिकारिक आकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस पुरुषों को महिलाओं की तुलना में ज्यादा प्रभावित करते हैं।” अति आत्मविश्वास यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन में बिहैवियरल वैज्ञानिक क्रिस्टीना ग्रैवर्ट मास्क पहनने को लेकर पुरुषों और महिलाओं के बीच इस फर्क को देखकर हैरान नहीं हैं। वो कहती हैं कि इस बात को लेकर बड़े पैमाने पर अध्ययन हुए हैं कि जोखिम भरे दौर में पुरुष और महिलाएं कैसे अलग-अलग व्यवहार करते हैं। जोखिम के दौरान लापरवाही पुरुषों में अति आत्मविश्वास की ओर इशारा करती है।
हाथ धोने में भी परहेज दूसरे कुछ अध्ययनों में यह भी पता चला है कि पुरुष हाथ धोने को लेकर भी महिलाओं की तुलना में कम सकारत्मक रुख अपना रहे हैं। हाल में हुए पोल में यह बात सामने आई है कि 65 फीसदी महिलाओं ने जहां माना है कि वो नियमित तौर पर हाथ धो रही है तो वहीं महज 52 प्रतिशत पुरुषों ने हाथ धोने की बात मानी है।
पिछली महामारी में भी दिखा फर्क पुरुषों और महिलाओं के व्यवहार में यह फर्क पिछली महामरियों के दौरान भी देखने को मिला था। मेक्सिको सिटी में हुए एक अध्ययन में यह बात देखी गई थी कि 2009 में स्वाइन फ्लू के संक्रमण के दौरान भी महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक मास्क का इस्तेमाल कर रही थीं।
वहीं एशियाई देशों में भी यह फर्क देखने को मिल रहा है जबकि मास्क पहनने को लेकर यहां सामाजिक तौर पर ज्यादा स्वीकार्य है। 2002-03 में सार्स के दौरान हॉन्ग कॉन्ग में देखा गया कि महिलाएं हाथ धोने और मास्क पहनने जैसी सवधानियां पुरुषों से ज्यादा बरत रही हैं।