एमईए एस जयशंकर ने कहा कि मैं आर्थिक संबंधों ( Economic relations ) की प्रमुखता को समझता हूं। ये बेहद जरूरी मुद्दे हैं। ये वास्तव में देशों को एक-दूसरे से समझौते के प्रमुख आधार हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। ये बात उन्होंने ऑनलाइन ‘इंडियाज आइडियाज’ शिखर बैठक में कही।
इस रणनीति के तहत भूटान के मोर्चे पर है चीन को चेक करने की योजना, जानिए भारत की तैयारी उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारत और अमरीका वाणिज्य मुद्दों के माध्यम से काम करते हैं। लेकिन हमें बड़ा सोचने की जरूरत है। ऐसा इसलिए कि दोनो मुल्कों में बड़े वैश्विक एजेंडा ( Global Agenda ) को आकार देने की क्षमता है। इसका लाभ ग्लोबल कम्युनिटी इंटरेस्ट में हमें उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत और अमरीका के बीच नवाचार ( Innovation Area ) क्षेत्र में मिलकर काम करना सबसे बड़ा नवोन्मेष हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि बड़े मुद्दों पर हम मजबूती से साथ हों।
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों को जियोपॉलिटिकल ( Geopolitical ) नजरिए देखने पर पता चलता है कि अमरीका को वास्तव में एक ज्यादा बहुध्रुवीय विश्व ( Multipolar world ) के साथ काम करने की जरूरत है, जिसमें बहुआयामी व्यवस्था हो।
Ladakh : चीन न कर दे ‘गद्दारी’, सेना कर रही है सर्दियों के लिए अभी से तैयारी ‘इंडियाज आइडियाज’ शिखर बैठक में अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ( US Secretary of State Mike Pompeo ) ने कहा कि भारत के पास इस समय बहुत कुछ करने की जरूरत है। भारत को चीन के खिलाफ और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। भारत के पास चीन से ग्लोबल सप्लाई चेन बनने का एकाधिकार लेने का अवसर है। टेलीकम्युनिकेशन, मेडिकल और अन्य सेवाओं में चीनी कंपनियों पर निर्भरता कम करने का अवसर है। भारत चाहे तो इसका लाभ उठा सकता है।