श्री श्री फिर भी कर रहे हैं विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझानेे का दावा
श्री श्री रविशंकर ने ये भी दावा किया है कि वो इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझा लेंगे और वो इस काम में जुटे भी हुए हैं। आपको बता दें कि शुक्रवार को मौलाना सलमान नदवी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि वो अब अयोध्या मसले में नहीं पड़ना चाहते हैं। उनका कहना है कि अब अयोध्या विवाद पर दोनों पक्षों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
उद्देश्य सही है तो हमें चलते रहना है नदवी के इस ऐलान के बाद ट्वीट करते हुए श्री श्री रविशंकर ने लिखा, ‘किसी भी महत्वपूर्ण काम को लेकर जब चलते हैं तो कुछ लोग जुड़ते हैं, कुछ लोग अलग होते हैं। कुछ लोग विरोध करते हैं और बहुत लोग देखते रह जाते हैं। यह सब प्रक्रिया है, जब लक्ष्य और उद्देश्य सही है तो हमें चलते रहना है।’
क्या कहा नदवी ने
नदवी ने कहा कि अयोध्या मसले में हम कोई पक्षकार नहीं हैं, साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मसले को हमने अपने एजेंडे से निकाल दिया है। एक न्यूज चैनल को दिए बयान में नदवी ने कहा है कि अयोध्या मसले के जो पक्षकार हैं वो इसे खुद सुलझाएं।
नदवी ने कहा कि अयोध्या मसले में हम कोई पक्षकार नहीं हैं, साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मसले को हमने अपने एजेंडे से निकाल दिया है। एक न्यूज चैनल को दिए बयान में नदवी ने कहा है कि अयोध्या मसले के जो पक्षकार हैं वो इसे खुद सुलझाएं।
नदवी को AIMPLB से किया गया था बाहर
आपको बता दें कि मौलाना नदवी तब से सुर्खियों में आ गए हैं, जब उन्होंने अयोध्या विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की पहल की। मौलाना नदवी ने श्री श्री रविशंकर के साथ बेंगलुरु में एक मीटिंग भी की थी, जिसके बाद ये माना गया था कि अयोध्या का मसला आपसी सहमति से सुलझा लिया जाएगा, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को ये मंजूर नहीं था और बोर्ड ने मौलाना नदवी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था। आपको बता दें कि मौलाना नदनी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सदस्य थे। अब उन्होंने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में शर्तों के साथ लौटने को राजी हैं। उन्होंने मांग की है कि असदुद्दीन ओवैसी, कमाल फारूकी, कासिम रसूल और यूसुफ मचाला को बोर्ड से बाहर किया जाए।
आपको बता दें कि मौलाना नदवी तब से सुर्खियों में आ गए हैं, जब उन्होंने अयोध्या विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की पहल की। मौलाना नदवी ने श्री श्री रविशंकर के साथ बेंगलुरु में एक मीटिंग भी की थी, जिसके बाद ये माना गया था कि अयोध्या का मसला आपसी सहमति से सुलझा लिया जाएगा, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को ये मंजूर नहीं था और बोर्ड ने मौलाना नदवी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था। आपको बता दें कि मौलाना नदनी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सदस्य थे। अब उन्होंने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में शर्तों के साथ लौटने को राजी हैं। उन्होंने मांग की है कि असदुद्दीन ओवैसी, कमाल फारूकी, कासिम रसूल और यूसुफ मचाला को बोर्ड से बाहर किया जाए।
श्री श्री रविशंकर से मुलाकात के बाद मौलाना नदवी ने कहा था, “हमें सभी पक्षों की तरफ से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, हम दोनों समुदायों के बीच सौहार्द और अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर बात कर रहे हैं। हमें मुस्लिम समुदाय की तरफ से काफी सहयोग और स्नेह मिल रहा है।”