मनमोहन सिंह का शांत और सादगी भरा स्वभाव उन्हें बाकी प्रधानमंत्रियों से अलग बनाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही देश की आर्थिक व्यवस्था को एक नई और मजबूत राह दिखाई। यही वजह है कि उन्हें देश एक अर्थशास्त्री के रूप में ही ज्यादा याद करता है। पूर्व पीएम के जन्मदिन पर आईए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें।
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है उसके एक गांव में हुआ था। मानसून को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अब तक का सबसे बड़ा अलर्ट, देश के इन राज्यों में अगले कुछ घंटों में होगी जोरदार बारिश
राव सरकार में अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी
मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में बतौर वित्त मंत्री काम किया। इस दौरान वित्तीय बजट पेश करते हुए उन्होंने 1991-95 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को एक नई और मजबूत राह दी।
मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में बतौर वित्त मंत्री काम किया। इस दौरान वित्तीय बजट पेश करते हुए उन्होंने 1991-95 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को एक नई और मजबूत राह दी।
आरबीआई के गवर्नर
मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर भी रहे। इस दौरान 1991 में आर्थिक सुधार की दिशा में कड़े बड़े कदम उठाए। उन इन कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार रफ्तार पकड़ी।
मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर भी रहे। इस दौरान 1991 में आर्थिक सुधार की दिशा में कड़े बड़े कदम उठाए। उन इन कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार रफ्तार पकड़ी।
ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत
बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने कई अहम फैसले लिए। खास तौर पर ऐसे निमयों में बदलाव लाए जिनकी वजह से अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ रही थी, उन्हें तेजी मिले। इसके साथ ही उन्होंने भारत को दुनिया के बाजार के लिए भी खोला। इसके साथ ही देश में आर्थिक क्रांति और ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत का श्रेय भी मनमोहन सिंह को ही जाता है।
बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने कई अहम फैसले लिए। खास तौर पर ऐसे निमयों में बदलाव लाए जिनकी वजह से अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ रही थी, उन्हें तेजी मिले। इसके साथ ही उन्होंने भारत को दुनिया के बाजार के लिए भी खोला। इसके साथ ही देश में आर्थिक क्रांति और ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत का श्रेय भी मनमोहन सिंह को ही जाता है।
इन क्षेत्रों में लिए बड़े फैसले
मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश का रास्ते जैसे अहम फैसले लिए। उनके इन फैसलों ने अर्थव्यवस्था को ना सिर्फ ऑक्सीजन दी बल्कि मजबूती भी दी।
मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश का रास्ते जैसे अहम फैसले लिए। उनके इन फैसलों ने अर्थव्यवस्था को ना सिर्फ ऑक्सीजन दी बल्कि मजबूती भी दी।
मनरेगा महत्वपूर्ण कदम
मनमोहन सिंह के बतौर प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा के जरिए ऐतिहासिक कदम उठाया। हर हाथ को काम देने की उनकी सोच ने लोगों के घरों में चूल्हे जलाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई।
मनमोहन सिंह के बतौर प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा के जरिए ऐतिहासिक कदम उठाया। हर हाथ को काम देने की उनकी सोच ने लोगों के घरों में चूल्हे जलाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई।
अमरीका के साथ परमाणु समझौता
सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल में वर्ष 2006 में भारत और अमरीका के बीच अहम परमाणु समझौता हुआ। इसे डॉ. मनमोहन सिंह की बड़ी सफलताओं में गिना जाता है। सुशांत सिंह राजपूत की गला दबाकर की गई हत्या, वकील विकास सिंह का सनसनीखेज खुलासा
सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल में वर्ष 2006 में भारत और अमरीका के बीच अहम परमाणु समझौता हुआ। इसे डॉ. मनमोहन सिंह की बड़ी सफलताओं में गिना जाता है। सुशांत सिंह राजपूत की गला दबाकर की गई हत्या, वकील विकास सिंह का सनसनीखेज खुलासा
मनमोहन से जुड़ी कुछ बातें
– 1991 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए।
– इसके बाद 1995, 200, 2007 और 2013 में भी राज्यसभा से ही संसद पहुंचे
– 1998 से 2004 तक बीजेपी के सत्ता में रहने पर वे राज्यसभा में नेता विपक्ष भी रहे
– मनमोहन सिंह ने केंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की
– केंब्रिज में मनमोहन सिंह को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
– ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की
– शुरुआती शिक्षा अमृतसर के हिंदू कॉलेज से की फिर पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक और एमए की पढ़ाई की।
– 1971 में आर्थिक सलाहकार के बतौर वाणिज्य मंत्रालय में काम किया।
– 1972 में उन्होंने वित्त मंत्रालय में मुख्य सलाहकार के रूप में काम किया
– 1991 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए।
– इसके बाद 1995, 200, 2007 और 2013 में भी राज्यसभा से ही संसद पहुंचे
– 1998 से 2004 तक बीजेपी के सत्ता में रहने पर वे राज्यसभा में नेता विपक्ष भी रहे
– मनमोहन सिंह ने केंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की
– केंब्रिज में मनमोहन सिंह को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
– ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की
– शुरुआती शिक्षा अमृतसर के हिंदू कॉलेज से की फिर पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक और एमए की पढ़ाई की।
– 1971 में आर्थिक सलाहकार के बतौर वाणिज्य मंत्रालय में काम किया।
– 1972 में उन्होंने वित्त मंत्रालय में मुख्य सलाहकार के रूप में काम किया
मनमोहन सिंह और अवॉर्ड
मनमोहन सिंह को उनकी योग्यता चलते की पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1994 में यूरो मनी अवार्ड, 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार व 1996 में एडम स्मिथ पुरस्कार प्रमुख रूप से शामिल हैं।
मनमोहन सिंह को उनकी योग्यता चलते की पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1994 में यूरो मनी अवार्ड, 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार व 1996 में एडम स्मिथ पुरस्कार प्रमुख रूप से शामिल हैं।