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इस विधेयक में देश के वरिष्ठ नागरिकों की सभी बुनियादी जरूरतों, सुरक्षा तथा भरण-पोषण एवं कल्याण का ध्यान रखने हुए नियम निर्धारित किए गए हैं। यदि बिल पास हो जाता है तो सीनियर सिटिजन्स को पहले के मुकाबले अधिक अधिकार मिलेंगे। यह भी पढ़ें
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इस बिल में बच्चों की परिभाषा को भी पुननिर्धारित करते हुए इसमें बच्चे, पोते (18 वर्ष से अधिक उम्र से), सौतेली संतान, गोद लिए गए बच्चे तथा नाबालिग बच्चों को भी जोड़ा गया है। बिल में बॉयोलॉजिकल बच्चे, तथा सौतेले माता-पिता को भी शामिल किया गया है। यह भी पढ़ें
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क्या फायदे होंगे इस बिल सेयदि प्रस्तावित बिल कानून बन जाता है तो संतान को अपने माता-पिता की देखभाल के लिए दस हजार रुपए मासिक मेंटेनेंस के रूप में देने होंगे। इस अमाउंट को स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग तथा पेरेंट्स की इनकम को ध्यान में रखते हुए निश्चित किया गया है। इसके साथ ही मेंटेनेंस के लिए पैसा देने का समय भी 30 दिवस की अवधि से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मौजूदा सत्र में मोदी सरकार लगभग 31 विधेयकों को सदन में पारित करवाने का प्रयास करेगी। हालांकि इस समय राजनेताओं, पत्रकारों तथा अफसरों के फोन की जासूसी को लेकर विपक्ष मोदी सरकार के विरुद्ध आक्रामक तेवर अपना रहा है।