कोरोना संक्रमण कम होने पर सबसे पहले प्राइमरी स्कूल्स खुलने चाहिए: ICMR महानिदेशक
इस विधेयक में देश के वरिष्ठ नागरिकों की सभी बुनियादी जरूरतों, सुरक्षा तथा भरण-पोषण एवं कल्याण का ध्यान रखने हुए नियम निर्धारित किए गए हैं। यदि बिल पास हो जाता है तो सीनियर सिटिजन्स को पहले के मुकाबले अधिक अधिकार मिलेंगे।चीन ने अपनी ही कोरोना वैक्सीन पर आशंका जताई, दो डोज लेने वालों को देगा जर्मनी का बूस्टर शॉट
इस बिल में बच्चों की परिभाषा को भी पुननिर्धारित करते हुए इसमें बच्चे, पोते (18 वर्ष से अधिक उम्र से), सौतेली संतान, गोद लिए गए बच्चे तथा नाबालिग बच्चों को भी जोड़ा गया है। बिल में बॉयोलॉजिकल बच्चे, तथा सौतेले माता-पिता को भी शामिल किया गया है।अमरीकी रिपोर्ट का दावा, भारत में 34 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई
क्या फायदे होंगे इस बिल सेयदि प्रस्तावित बिल कानून बन जाता है तो संतान को अपने माता-पिता की देखभाल के लिए दस हजार रुपए मासिक मेंटेनेंस के रूप में देने होंगे। इस अमाउंट को स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग तथा पेरेंट्स की इनकम को ध्यान में रखते हुए निश्चित किया गया है। इसके साथ ही मेंटेनेंस के लिए पैसा देने का समय भी 30 दिवस की अवधि से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है।