क्या Covid Vaccine का तीसरा डोज भी लेना होगा जरूरी? बूस्टर डोज पर काम कर रही कई कंपनियां
फ्लू से निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने की संभावना
डॉक्टरों की मानें तो इन्फ्लूएंजा एक श्वसन वायरस संक्रमण है इसलिए इसके लक्षण कोरोना संक्रमण से काफी मेल खाते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों के ही सामान्य लक्षण सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार व बदन दर्द हैं। पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी के डॉ. सुरेश बिराजदार की मानें तो फ्लू के टीके छह माह और उससे ज्यादा उम्र क बच्चों को दिए जान चाहिए। फ्लू से निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने की संभावना बनी रहती है। क्योंकि निमोनिया फेफड़ों का संकमण होता है और ब्रोंकाइटिस में फेफड़ों की नलियों में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसकी वजह से मरीज को ब्रीदिंग प्रॉब्लम होती है। यहां तक कि बुखार के साथ-साथ तेज दौरे पडऩे की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जबकि फ्लू का टीका लेने के बाद यह खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। टीका लेने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती का करने की संभावना भी कम हाती है।
COVID-19: कहीं आपके फ्रिज में तो मौजूद नहीं ‘ब्लैक फंगस’? हो जाएं सावधान
बच्चों को फ्लू का टीका लगवाना समझदारी
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय भावे का कहना है कि बच्चों को फ्लू का टीका लगवाना एक समझदारी भरा कदम है। खासकर जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लगाया जा सकता। ऐसे करने से आपके बच्चे फ्लू का टीका लगवा सकते हैं।