महाबलेश्वर में वधावन परिवार के कुल 23 सदस्यों को आइसोलेशन में रखा गया है। परिवार के सभी लोगों पर फैमिली इमरजेंसी के नाम पर लॉकडाउन तोड़ने का आरोप है। इतना ही नहीं, वधावन परिवार लॉकडाउन के बावजूद 5 कारों में सवार होकर खंडाला से महाबलेश्वर पहुंच गया।
मामला प्रकाश में आने के बाद बीजेपी ने भी महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोल दिया। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में सीएम उद्धव ठाकरे से स्पष्टीकरण मांगा तो बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने मामले के दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी।
Lockdown: बाजार में आटा, दाल, इंस्टैंट नूडल्स की भारी किल्लत, उत्पादन न होने से सप्लाई चेन प्रभावित दरअसल, वधावन परिवार महाराष्ट्र के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता की सिफारिशी चिट्ठी के आधार पर लॉकडाउन को तोड़ने में कामयाब हुआ। इस मामले में महाराष्ट्र के प्रधान सचिव ने वधावन परिवार को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के लिए सिफारिशी चिट्ठी लिखी थी। अपनी चिट्ठी में अमिताभ गुप्ता ने वधावन परिवार को पारिवारिक मित्र बताया है। इस बात का खुलासा होते ही विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोल दिया।
वीआईपी ट्रीटमेंट का मामला सामने आने के बाद अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेजा दिया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत करने के बाद गृह विभाग के प्रधान सचिव विशेष अमिताभ गुप्ता को कंपलसरी लीव पर भेज दिया है। अमिताभ गुप्ता के खिलाफ इंक्वायरी शुरू की गई है और जब तक इंक्वायरी पूरी नहीं हो जाती तब तक को छुट्टी पर रहेंगे।
Covid-29 : दिल्ली में 3 की मौत, भारत में पहली बार एक दिन में कोरोना संक्रमण के नए मामले 750 के पार बता दें कि अमिताभ गुप्ता ने सीबीआई द्वारा यस बैंक घोटाले मामले में आरोपी बनाए गए कपिल वधावन जिसकी तलाश सीबीआई कर रही थी उसे खंडाला से महाबलेश्वर जाने के लिए अपने लेटर हेड पर लॉकडाउन के दौरान परमिशन दी थी। लेटरहेड पर परिवारिक इमरजेंसी का कारण बताया गया था। जबकि इस तरह की कोई इमरजेंसी नहीं थी।
Corona crisis: सीएम अमरिंदर सिंह बोले – पंजाब को लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए बनेगी टास्क फोर्स बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने राज्यपाल को चिट्ठी लिख मामले की शिकायत कर जांच की मांग की है। सौमैया ने सीधे-सीधे वधावन बंधुओं पर कई आरोप लगाए हैं। यस बैंक घोटाले में DHFL की भूमिका, DHFL के प्रमोटर्स धीरज और कपिल वधावन को यस बैंक मामले में समन, प्रवर्तन निदेशालय का धीरज और कपिल वधावन को पूछताछ के लिए बुलाना, कोरोना वायरस फैलने का हवाला देकर ED के सामने वधावन बंधुओं का पेश न होना, इन सभी बातों का जिक्र किरीट सौमैया की चिट्टी में है। अहम सवाल तो ये भी है कि धोखाधड़ी मामले में जो भाई जमानत पर हैं उन्हें वीआईपी सुविधा कैसे मिली?