मुंबई में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है और निजी अस्पतालों में विस्तरों की मांग भी बढ़ी है। ऐसे में अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए दक्षिण मुंबई के पेडर रोड स्थित जसलोक अस्पताल ( jaslok hospital) को पूर्ण रूप से कोरोना मरीजों के लिए समर्पित कर दिया है। यानी कि अब इस अस्पताल में कोरोना के अलावा किसी भी दूसरे बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति का इलाज नहीं होगा।
BMC की ओर से बुधवार को जारी परिपत्र के अनुसार, जसलोक अस्पताल में गैर कोविड-19 मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा और इस समय जसलोक अस्पताल में कोरोना के अलावा बाकी अन्य रोगों का इलाज करा रहे मरीजों को दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा।
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जानकारी के अनुसार, मरीजों को स्थानांतरिक करने की प्रक्रिया शनिवार सुबह तक पूरी हो जाएगी। BMC के मुताबिक, जसलोक अस्पताल में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में मरीजों की अच्छी से देखभाल की गई। ऐसे में अब कोरोना की दूसरी लहर के समय मरीजों की अच्छी से देखभाल की जा सके इसलिए इस अस्पताल को पूर्ण रूप से कोविड होस्पिटल का दर्जा देने का फैसला किया गया है।
अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 250 बेड बढ़ जाएगी
नगर निगम ने जसलोक अस्पताल के प्रबंधन को निर्देश भी दे दिए हैं। पूर्ण रूप से कोविड अस्पताल बन जाने पर यहां मरीजों के लिए विस्तरों की संख्या 250 बढ़ जाएगी। इसके अलावा जसलोक अस्पताल की गहन देखभाल इकाई में 40 बेड शामिल हैं।
BMC के अनुसार, मुंबई के सेवन हिल्स अस्पताल को भी 30 गहन देखभाल इकाईयों में अपग्रेड किया गया है, जबकि गोरेगांव के नेस्को स्थित कोरोना ग्रैंड सेंटर में अगले सात दिनों में 1500 और बेड उपलब्ध होंगे। सबसे खास बात कि इन सभी बिस्तरों में ऑक्सीजन की सुविधा होगी।
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जानकारी के अनुसार, BMC ने बुधवार को कहा था कि अगले 2 दिनों में कोरोना के अलावा स्थिर स्थिति वाले रोगियों को घर भेजा जाएगा। कोरोना के अलावा अन्य रोगियों, जिन्हें चिकित्सा उपचार की तत्काल आवश्यकता है उन्हें अगले 48 घंटों के भीतर नजदीकी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। जसलोक अस्पताल में मरीज की नियोजित सर्जरी स्थगित कर दिया था। वहीं कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए एक अलग खंड बनाए जाने की बात कही गई थी।