सबसे खास बात ये है कि एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की मौत मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आए निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के एक पूर्व सहकर्मी भी इसमें शामिल है, जिनसे अभी हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ की थी।
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बता दें कि सवालों के घेरे में आई मुंबई पुलिस के 86 अधिकारियों का तबादला किया गया है। इन सभी का तबादला गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकात के बाद मंगलवार शाम को किया गया। मुंबई के पूर्व कमीश्नर परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस को 100 करोड़ रुपये हर महीने उगाही करने के आदेश देने के आरोप लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे से पहली मुलाकात थी।
तबादले पर विपक्ष ने उठाए सवाल
आपको बता दें कि ट्रांसफर किए गए 86 पुलिस अधिकारियों में शामिल असिस्टेंट इंस्पेक्टर रियाज़ुद्दीन काज़ी क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में सचिन वाझे के साथ काम कर चुके हैं। रियाज़ुद्दीन काज़ी को स्थानीय हथियार यूनिट में भेजा गया है। वहीं एक अन्य पुलिस अधिकारी प्रकाश होवल जिनसे एंटीलिया केस में NIA ने पूछताछ की थी, उन्हें मालाबार हिल पुलिस थाने में स्थानांतरित किया गया है।
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इसके अलावा मुंबई क्राइम ब्रांच के करीब 65 अधिकारियों को बाहर कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें से कई अधिकारी बेहद ही महत्वपूर्ण मामलों की तफ्तीश कर रहे हैं। इन सभी अधिकारियों में से कुछ को ट्रैफिक विभाग में भेज दिया गया है तो कुछ को पुलिस थानों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अब पहले से ही सरकार पर सख्त रूख अपना चुकी विपक्ष इन तबादलों को लेकर सरकार पर हमलावर हो गई है। रातोंरात 86 अधिकारियों का तबादला किए जाने को लेकर भाजपा ने निंदा की है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि असली आरोपियों को बचाने के लिए यह सब किया गया है। भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि जिनकी गलती नहीं थी उन्हें हटा दिया गया.. लेकिन आरोपी मंत्री का क्या? उन्होंने पूछा कि आखिर आरोपी मंत्री कब हटाया जाएगा..?
क्या है एंटीलिया केस?
आपको बता दें कि मुंबई पुलिस ने भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को एक लावारिस स्कॉर्पियो बरामद की गई थी, जिसमें विस्फोटक (जिलेटिन की छड़ें) रखी हुई थी। इस मामले की जब जांच शुरू की गई तो स्कॉर्पियो का मालिक मनसुख हिरेन संदिग्ध परिस्थियों में मृत पाया गया। इसके बाद मामला गहराता चला गया और फिर मुंबई पुलिस के अधिकारी ही सवालों के घेरे में आ गए।
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एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस का अधिकारी सचिन वाजे का नाम प्रमुख तौर पर सामने आया, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया। NIA ने इस पूरे मामले की जांच शुरू करते हुए सचिन वाजे को कस्टडी में लिया है और पूछताछ कर रही है।
वहीं, इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह का तबादला कर दिया। जिसके बाद परमबीर सिंह ने एक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली करने का लक्ष्य दिया था। इसके बाद से महाराष्ट्र की सियासत और प्रशासनिक अमले में भूचाल आ गया है। विपक्ष सड़क से लेकर संसद तक अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रहा है तो वहीं ठाकरे सरकार पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।