विविध भारत

Lunar eclipse 2021: 26 मई को खूनी लाल रंग का दिखाई देगा चांद, जानिए क्या हैं ‘Red Blood Supermoon’ के मायने

26 मई की रात को लगने साल का पहला चंद्रग्रहण कई मायनों में अहम होगा

May 22, 2021 / 09:30 pm

Mohit sharma

नई दिल्ली। साल का पहला चंद्रग्रहण ( Lunar eclipse 2021 ) 26 मई की रात को लगने जा रहा है। कई मायनों में अहम ये चंद्र ग्रहण सुपरमून ( Supermoon ) तो कहलाया ही जाएगा, साथ ही यह खूनी लाल यानी ब्लड रेड रंग का भी होगा। यह संयोग कई सालों बाद आता है। वैज्ञानिक भाषा में इसको लूनर इवेंट कहा जा रहा है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि ये सुपरमून होगा, ग्रहण होगा और इसका रंग खूनी लाल भी होगा। चूंकि यह एक बड़ा संयोग है, ऐसे में इसके कई मतलब निकाले जा रहे हैं। इस चंद्र ग्रहण से निकलने वाले कुछ मतलबों से आज हम आपको रूबरू कराते हैं।

क्या भारत में आने वाला है कोरोना संक्रमण का इस इससे भी बुरा दौर? पढ़िए IMF की रिपोर्ट

https://twitter.com/NASA/status/1395888640023277568?ref_src=twsrc%5Etfw

क्या होता है सुपरमून?

चांद जब पृथ्वी के बेहद करीब होता है तो उसका आकार 12 प्रतिशत तक बड़ा दिखाई दता है। यूं तो सामान्यत: पृथ्वी से चांद की दूरी 406,300 कि लोमीटर होती हेै, लेकिन इस खास मौके पर यह दूरी घटकर 357,700 किलोमीटर रह जाती है। यही वजह है कि रोजाना के मुकाबले इस दिन चांद बड़ा दिखाई देता है। इस दिन चांद अपनी कक्षा में चक्कर लगाते-लगाते पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है। नजदीक आने की वजह से इसकी चमक काफी बढ़ जाती है।

VIDEO: डॉक्टर बोले- ‘ब्लैक फंगस’ का इलाज संभव, लेकिन बरतनी होंगी ये सावधानी

क्यों होता है चंद्र ग्रहण?

जब पृथ्वी की छाया चांद को पूर्ण या आंशिक रूप से ढक लेती है तब चंद्र ग्रहण पड़ता है। ऐसा पृथ्वी के चांद और सूरज के बीच आ जाने से होता है। क्योंकि चांद अपनी कक्षा में पांच डिग्री तक झुका हुआ है, इसलिए पूरा चांद धरती की छाया या कुछ भाग ऊपर रहता है या थोड़ा नीचे। जब चांद धरती और सूरज के ही हॉरिजोंटल प्लेन पर रहता है तो उस समय पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है।

कोरोना से लड़ाई में PM मोदी नया मंत्र, ‘जहां बीमार, वहीं उपचार’ से हारेगा अदृश्य दानव

क्यों होता है खूनी लाल रंग?

धरती की छाया जब चांद को पूरी तरह से ढक लेती है तो इस पर सूरज की रोशनी नहीं पड़ पाती। जिसकी वजह से यह घनघोर अंधेरे में चला जाता है। क्योंकि चांद कभी पूरी तरह से ब्लैक नहीं होता, इसलिए यह रेड दिखाई देने लगता है। इसका एक कारण यह भी है कि सूरज की रोशनी में हर प्रकार के विजिबल रंग होते हैं। जबकि पृथ्वी के वायुमंडल में शामिल गैस इसको ब्लू कलर का दिखाती हैं। रेड कल की वेवलेंथ जब इसको पार करती हैं तो आकाश नीला और सूर्याेदय और सूर्यास्त रेड नजर आता है। यही चंद्र ग्रहण के समय भी होता है।

Hindi News / Miscellenous India / Lunar eclipse 2021: 26 मई को खूनी लाल रंग का दिखाई देगा चांद, जानिए क्या हैं ‘Red Blood Supermoon’ के मायने

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.