सीमा पर से होने वाली गोलीबारी और घुसपैठ के साथ ही पाकिस्तान से होने वाला टिड्डी हमला ( locust attack ) भी उससे कम नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है।
दरअसल, भारत-पाकिस्तान (india-pakistan) के अधिकारियों के बीच इस टिड्डी की समस्या को लेकर हर साल 6 बैठकें होती हैं, लेकिन आज तक कोई नतीजा नहीं निकला।
भारत पर जब कभी भी टिड्डी दल का हमला होता है तो वह पाकिस्तान की की ओर से ही होता है।
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दरअसल, टिड्डी दल के रूप में पाकिस्तान की तरफ से आने वाले खेती के ये दुश्मन रातों रात किसानों की फसलों को चट कर जाते हैं। फिलहाल भारत पर टिड्डियों का हमला राजस्थान की ओर से शुरू होकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रास्ते बुंदेलखंड तक पहुंच गया है। आपको बता दें कि इन टिड्डियों को नष्ट करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय (ministry of agriculture) में बैठकों का दौर जारी है। नीतियां भी बनतीं हैं और फैसले भी लिए जाते हैं, लेकिन टिड्डियों की समस्या कई सालों से जस की तस बनी हुई है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की मानें तो अब टिड्डियों को कंट्रोल करने के लिए ड्रोन को उतारा जाएगा। डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने ड्रोन के लिए अपनी इजाजत दे दी है।
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वहीं, टिड्डी चेतावनी संगठन (Locust Warning Organization) के संयुक्त निदेशक डॉ. जेपी सिंह का आरोप है कि पाकिस्तान की ओर से टिड्डियों के नियंत्रण को लेकर कभी कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भारत की सरकार की ओर इस संबंध में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।