अन्य देशों की तुलना में भारत में #Coronavirus से होने वाली मृत्यु दर में कमी का रहस्य ‘एग्जिट स्ट्रैटजी फॉर कोविड-19 लॉकडाउन रेस्ट्रिक्शंस’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी में प्रमुख योगदान करने वाले विनिर्माण, कृषि, निवेश और व्यापार पर न सिर्फ लॉकडाउन की अवधि के दौरान विपरीत असर होने की आशंका है, बल्कि आने वाले महीनों में भी।
राज्य में सबसे बड़ा नियोक्ता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर बुरी तरह इससे प्रभावित हो सकता है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अनापेक्षित लॉकडाउन से राज्य के धीरे-धीरे बाहर निकलने के तरीके तलाशने के लिए इस टास्क फोर्स का गठन किया है।
भारत का अनाज का कटोरा कहा जाने वाला पंजाब केंद्रीय खरीददारी पूल में सबसे ज्यादा का योगदान करता है। रिपोर्ट में आगाह किया गया है, “यह अवधि (अप्रैल-मई) बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रबी की फसल को काटने और खरीफ की फसल को बोने का समय है। यदि कर्फ्यू में ढील नहीं दी गई तो यह न सिर्फ राज्य की खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा झटका होगा, बल्कि पूरे देश के लिए भी।”
मुख्यमंत्रियों की बैठक में बोले पीएम मोदी- इन राज्यों में जारी रहेगा लॉकडाउन #Lockdown इसके अलावा पंजाब की अर्थव्यवस्था लगभग 40 सालों के अंतराल बाद संभावित संकुचन की स्थिति में है। राज्य की राजकोषीय स्थिति गंभीर रूप से गड़बड़ा सकती है, क्योंकि आर्थिक गतिविधि के बंद होने के कारण कर और गैर कर राजस्व की धाराएं सूख चुकी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य और सामाजिक सेक्टर की जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त फंड के प्रावधान से बचा नहीं जा सकता। टास्क फोर्स ने भावी कार्ययोजना तय करने में राज्य को अधिक स्वायत्तता की उम्मीद की है, और केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी संशोधित दिशानिर्देश में संशोधनों की सिफारिश की है, ताकि तीन मई के बाद लॉकडाउन बढ़ने की स्थिति में श्रम बाजार को फिर से चालू किया जा सके और ठहर सी गई औद्योगिक अर्थव्यवस्था को गति दिया जा सके।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति को स्वास्थ्य और गैर स्वास्थ्य संबंधित उद्देश्यों में विभाजित किया जा सकता है।