अपनी कर्मभूमि को लेकर जो सपना कभी उन लोगों ने देखा था, वह अब टूटता नजर आ रहा है। ऐसा ही एक सपना मुंबई ( Mumbai ) पहुंचे यूपी और बिहार के लोगों ने भी कभी देखा होगा, लेकिन अब वह धुंधला नजर आ रहा है।
मायानगरी में जाकर इन लोगों ने टैक्सी ( Taxi ) और ऑटो ( Auto ) चलाकर अपनी गुजर बसर शुरू की, कोरोना वायरस ने उनका सब कुछ छीन लिया और अब वह अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
कोरोना संक्रमण रोकने को अहमदाबाद में अनोखी पहल, शॉपिंग को कैशलेस पेमेंट अनिवार्य
मुंबई में टैक्सी और ऑटोरिक्शा चालकों के यूनियन के अनुसार यहां टैक्सी और ऑटो चलाने वाले पांच से छह हजार लोगों महानगर छाोड़ दिया है।
यूनियन नेताओं का तो यहां तक कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन को लेकर बनी अनिश्चितता ने काली-पीली टैक्सी और ऑटोरिक्शा चालकों का सब्र तोड़ दिया।
‘मुंबई टैक्सीमेन्स यूनियन के ए. एल. क्वाड्रोस की मानें तो मुंबई में तकरीबन 45 हजार टैक्सियां और पांच लाख ऑटोरिक्शे हैं।
उन्होंने कहा पिछले दो महीनें से चल रहे लॉकडाउन ने टैक्सी चालकों और ऑटो चालकों के पास कुछ नहीं छोड़ा। जब नौबत भूखे मरने की आ गई तो उन्होंने घर वापसी ही बेहतर समझी।
दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा शरजील इमाम, निचली अदालत के आदेश दी चुनौती
भाजपा ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कोरोना के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप
ये लोग 20 से 50 का ग्रुप बनाकर महानगर को छोड़ रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोग उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड के हैं।
यूनियन नेताओं का कहना है कि ट्रक आदि में किराया अधिक होने के कारण ये लोग अपने वाहनों में ही सामान भर घर वापसी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले सर्वाधिक हैं, यहां 22,171 लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं। यहां इस जानलेवा बीमारी से कम से कम 832 मरीजों की मौत हो चुकी है।