इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) के निदेशक और कोरोना को लेकर गठित इम्पावर्ड कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सीके मिश्रा ने कहा कि भारत में लॉकडाउन को लागू हुए एक महीना हो गया। पिछले एक महीने के अंदर कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। कोरोना के मामलों की बढ़ोतरी चिंता की बात नहीं है। बल्कि भारत दूसरे देशों की तुलना में कोरोना को नियंत्रित करने में सफल रहा है।
Covid-19 की दवा बनाने के करीब पहुंची मुंबई की फर्म, पहली भारतीय कंपनी जिसने DCGI से उन्होंने कहा कि 23 मार्च को जब 14,915 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया था। तब भी कोरोना के 4 से 4.5 प्रतिशत मामले ही पॉजिटिव पाए गए थे और एक महीने बाद जब 5 लाख लोगों में कोरोना टेस्ट हो चुका है। आज भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा औसतन 4.5 प्रतिशत ही है।
यह एक अच्छा संकेत है। खास बात ये है कि भारत में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी औसतन स्थिर है। मरीजों की संख्या में अस्थिरता नहीं हैं। कहीं से भी मरीजों की संख्या में वर्टिकल बढ़ोतरी के संकेत नहीं हैं।
इम्पावर्ड कमेटी के अध्यक्ष सीके मिश्रा ने कहा कि पिछले एक महीने में 5 लाख लोगों को कोरोना टेस्ट हुआ है। औसतन 35 हजार मरीजों का टेस्ट हर रोज भारत में हो रहा है। मरीजों की संख्या में औसतन 4.5 फीसदी की ही बढ़ोतरी जारी है। जबकि टेस्टिंग की संख्या में 33 गुने की बढ़ोतरी हुई है।
दिल्ली गेट सुधार गृह से 11 किशोर फरार, सुरक्षा गार्ड घायल उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ जिस रणनीति पर अमल किया उसमें हम सफल रहे। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए हम कह सकते हैं कि भारत में हालत अभी बिगड़े नहीं हैं। न तो कोरोना का भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिसन हुआ, न ही इसका विस्तार तेजी से होने दिया। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से हुआ।
आईसीएमआर के निदेशक डॉ. सीके मिश्रा ने बताया कि हम लगातार जांच के दायरे को और बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हम जानते हैं कि कोरोना को हराने का एक ही हथियार है कि जांच में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाकर उनमें कोरोना के लक्षण का पता लगाया जा सके। इसके लिए देश भर में लैब की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में देश भर में टेस्टिंग लैब की संख्या 300 है।
उन्होंने कहा कि अमरीका, ब्रिटेन और इटली जैसे विकसित देशों में कोरोना मरीजों की संख्या 400 होने के बाद तेजी से कोरोना फैला, लेकिन भारत में हमने वैसा नहीं होने दिया है। इस मामले में दक्षिण कोरिया ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। अमरीका में 5 लाख लोगों को टेस्ट होने के बाद 80 हजार केस पॉजिटिव पाए गए थे। जबकि भारत में ये संख्या 20 हजार तक ही पहुंची।
कोरोना के खिलाफ जंग में उतरीं देश की पहली महिला सविता कोविंद, बचाव के लिए सिल रही हैं लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा इसके जवाब में डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। हम आपको इतना कह सकते हैं कि मरीजों की संख्या औसत दर से आगे नहीं बढ़ने देंगे। अब हमारा प्रयास आरटी-पीसीआर के तहत टेस्टिंग की संख्या को तेजी से बढ़ाने की है।