1.एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों को चार कैटेगरी में बांटा जा सकता है। किस श्रेणी में कौन से राज्य आएंगे ये कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या के आधार पर तय होगा। इसके अलावा जिन राज्यों में पिछले सात दिन में कोरोना का कोई भी केस सामने नहीं आया है उसे भी एक अलग श्रेणी में डाला जा सकता है।
2.अनुमानित प्लान के मुताबिक पहली कैटेगरी में उन राज्यों को रखा जा सकता है जिनमें एक से अधिक जिले प्रभावित न हो। साथ ही यहां पिछले सात दिनों में कोरोना का कोई भी मरीज न मिला हो। ऐसे राज्य में लॉकडाउन पहले हटाया जा सकता है।
3.दूसरी कैटेगरी में ऐसे राज्यों में लॉकडाउन हटाया जाएगा जहां कोरोना के मरीज काफी कम हैं। इनका दूसरे राज्यों के साथ ज्यादा संपर्क नही। ऐसी जगहों पर आर्थिक, शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति मिल सकती है। हालांकि इस श्रेणी के लोग दूसरे राज्य नहीं जा सकेंगे।
4.तीसरी श्रेणी में वो राज्य रखें जा सकते हैं जहां अधिक केस हो और उनसे 30 प्रतिशत जिलों के प्रभावित होने का खतरा हो। ऐसे राज्यों में खतरे को देखते हुए लॉकडाउन जारी रह सकता है। हालांकि यहां कुछ विशेष छूट दी सकती हैं।
5.सबसे आखरी श्रेणी में ऐसे राज्य शामिल होंगे जहां कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा होगा। ये जगह डेंजर जोन में शामिल होंगे। ऐसी जगहों पर लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस पूरे प्लान की अभी महज ड्राफ्टिंग की गई है। अंतिम फैसला सारे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद ही लिया जाएगा।