वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को कोरोना ( Coronavirus ) के खिलाफ लड़ाई के लिए सात मंत्र भी दिए। उन्होंने इन सात अपीलों के लिए देशवासियों का साथ मांगा।
बातो के लिए साथ भी मांगा। कहा कि इन सात बातों में आपका साथ ही कोरोना पर विजय प्राप्त करने का मार्ग है।
विजयी होने के लिए निष्ठापूर्वक काम करने वाला यह सात काम हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप अपने व्यवसाय, उद्योग में अपने लोगों के साथ संवेदना करें। किसी को नौकरी से न निकालें।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के रोजगारों को लेकर चिंता व्यक्त की हो। वह इससे पहले भी लोगों को नौकरी से न निकाले जाने की अपील कर चुके हैं।
यही नहीं पिछली बार राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान रोजगार प्रदत्त कंपनियां अपने कर्मचारियों के प्रति संवदेना बरतें और उनका वेतन न काटें।
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से पूरी दुनिया पर आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में लोगों के बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने की आशंका जताई जा रही है।
इसकी प्रमुख वजह दुनिया के तमाम देशों में घोषित लॉकडाउन मानी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों के रोजगार पर सवालिया निशान लगा दिया।
यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में बार—बार लोगों की नौकरियों को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं।
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