दरअसल, कोविड-19 ( COVID-19 ) के प्रकोप ने विश्व के विभिन्न देशों के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था ( Economy of India ) पर भी विपरीत प्रभाव डाला है।
देश की सभी बड़ी आर्थिक गतिविधियां ठप ( economic activities ) पड़ने की वजह से अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है।
इस बीच प्राकृतिक गैस की पाइप से आपूर्ति सुनिश्चित करने वाली सरकारी कंपनी गेल का कहना है कि कोविड-19 महामारी ( coronavirus ) की वजह से हुए लॉकडाउन के बीच जो काम का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए सभी परियोजनाओं पर 20 अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा, ताकि वे समय रहते पूरी हो सकें।
बता दें कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने आगामी 20 अप्रैल से कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में सशर्त काम शुरू करने के लिए मंजूरी दी है।
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राज्यों में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से 20 अप्रैल, 2020 से लघु से लेकर मध्यम अवधि के उपायों की शुरुआत की जाएगी।
कंपनी ने सभी संबंधित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न साइटों/शिविरों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के निरंतर रहने की व्यवस्था की है।
भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुपालन में परियोजना स्थलों और कार्य केंद्रों पर मास्क के उपयोग को बढ़ावा देने, स्वच्छता और सामाजिक दूरी जैसे मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत एसओपी/प्रोटोकॉल भी तैयार किए गए हैं।
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गेल ने उर्वरक, बिजली, रिफाइनरी और सिटी गैस वितरण जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए निर्बाध आपूर्ति बनाए रखी है।
कंपनी का प्रबंधन नोडल मंत्रालय के साथ नियमित से संपर्क में है।
परिचालन प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के अलावा गेल और उसके कर्मचारी कोरोनावायरस के कारण पैदा हुए संकट के बीच आर्थिक मदद के लिए भी खड़े रहे हैं। कंपनी व इसके कर्मचारियों ने इस बीमारी से लड़ने के लिए पीएम केयर फंड में 54 करोड़ रुपयों का योगदान दिया है।