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RSS के कार्यक्रम में मोहन भागवत बोले, आजादी दिलाने में कांग्रेस का रहा अहम योगदान

इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने करीब पांच से छह हजार लोगों को न्योता भेजा गया है।

Sep 18, 2018 / 08:19 am

Kapil Tiwari

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला ‘भविष्य का भारत’ कार्यक्रम की शुरुआत आज से दिल्ली में हो गई है। संघ का ये कार्यक्रम अगले तीन दिनों तक चलेगा। विज्ञान भवन में इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने करीब पांच से छह हजार लोगों को न्योता भेजा गया है। इसके अलावा संघ की तरफ से 40 राजनीतिक दलों सहित, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों को आमंत्रित किया गया है।

मोहन भागवत ने कराया संघ का असली परिचय

कार्यक्रम के पहले दिन ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन से इसकी शुरुआत की। जैसा कि पहले से माना जा रहा था कि इस कार्यक्रम के जरिए संघ को लेकर फैली हुई भ्रांतियों को दूर किया जाएगा, हुआ भी ठीक वैसे ही। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम में आए लोगों के सामने संघ की असली तस्वीर रखी। उन्होंने अपने संबोधन में संघ का असली परिचय कराते हुए कहा कि देश को बनाने में हेडगेवार की भूमिका अहम रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम व्यक्तित्व का निर्माण करना है। आरएसएस शोषण और स्वार्थ रहित समाज चाहता है। संघ ऐसा समाज चाहता है जिसमें सभी लोग समान हों। समाज में कोई भेदभाव न हो। युवकों के चरित्र निर्माण से समाज का आचरण बदलेगा। व्यक्ति और व्यवस्था दोनों में बदलाव जरूरी है। एक के बदलाव से परिवर्तन नहीं होगा।

कांग्रेस की विचारधारा का स्वतंत्रता में रहा अहम योगदान

इस दौरान मोहन भागवत ने कांग्रेस का भी जिक्र किया। भागवत ने अपने संबोधन में कांग्रेस पार्टी की तारीफ करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस पार्टी का अहम योगदान रहा है। कांग्रेस में कई महापुरुष रहे हैं जिन्हें आज भी याद किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की विचारधारा का स्वतंत्रता दिलाने में अहम योगदान रहा है।

भागवत ने अपने संबोधन में और क्या कहा?

-हमारे देश में इतने सारे विचार हैं, लेकिन इन सारे विचारों का प्रस्थान बिंदु एक है। विविधताओं से डरने की बात नहीं है, विविधताओं को स्वीकार करने और उसका उत्सव मनाने की जरूरत है। अपनी परंपरा में समन्वय एक मूल्य है। समन्वय मिलजुलकर रहना सीखाता है। हमें त्याग का जीवन अपनाने की जरूरत है। मनुष्य अकेला नहीं जी सकता है। मनुष्य इस सृष्टि का अविभाज्य अंग है और उसे इस सृष्टि में योगदान करना होता है।

– भारतीय समाज को शुरू से ही संस्कारवान बनाया गया है। मूल्यों की जब हमने अनदेखी की तो हमारा पतन हुआ। बाहर से आने वाले मुट्ठी भर आक्रांता आए और भारत के सूरमाओं को हराकर सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश को लूट लिया। हमने मूल्यों को छोड़कर जब आचरण शुरू किया तो हमारा पतन शुरू हुआ। देश का पतन हमारे पतन से हुआ है। हमें मूल्यों को दोबारा पुनर्जीवित करने की जरूरत है। हिंदुत्व हम सबको जोड़ता है। देश के लिए रोज जीना पड़ता है।

-संघ समाज के कल्याण के लिए काम करता है और समाज के हर तबके को साथ लेकर चलना संघ का लक्ष्य है। हमारा विरोध करने वाले लोगों को भी हम साथ लेकर चलना चाहते हैं, वो भी हमारे ही हैं, लेकिन उनके विरोध से हमें अपनी रक्षा करना ये हमारा अधिकार है। हमारा काम बताता है कि हम कौन लोग है। किसी भी संगठन की तुलना आरएसएस नहीं की जा सकती। संघ को आज भी गलत समझा जा रहा है। हम समाज में परिवर्तन होगा तो सारे क्रियाकलापों में परिवर्तन होगा। समाज में जगह-जगह नायक होने चाहिए जिससे लोग प्रेरित हों।

-आरएसएस प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जानना है तो डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार को समझना होगा। डॉ. हेडगेवार का मानस आरएसएस में व्याप्त है। नागपुर के एक सामान्य परिवार में हेडगेवार का जन्म हुआ था। हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे। वह जब 11 वर्ष के थे तो एक ही दिन उनके माता-पिता का देहांत हो गया। वह बचपन से पढ़ने-लिखने में कुशाग्र थे।

पांच से छह हजार लोगों को भेजा गया है न्योता

इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने करीब पांच से छह हजार लोगों को न्योता भेजा गया है। इसके अलावा संघ की तरफ से 40 राजनीतिक दलों सहित, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों को आमंत्रित किया गया है।

बॉलीवुड की ये हस्तियां पहुंची कार्यक्रम में

इस कार्यक्रम की शुरुआत की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां विज्ञान भवन पहुंची हैं। तस्वीरों में कार्यक्रम स्थल पर अनु मलिक, मनीषा कोइराला, मधुर भंडारकर दिखाई दे रहे हैं।

इन हस्तियों को भेजा गया है निमंत्रण

आपको बता दें कि आरएसएस इस कार्यक्रम के जरिए अपने बारे में फैलीं भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश में है। इस कार्यक्रम के लिए मुस्लिम एवं ईसाई संगठनों, इसरो के पूर्व वैज्ञानिकों, मेट्रो मैन ई. श्रीधरन, थन सेना, वायु सेना और नौसेना के पूर्व अधिकारियों, नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सहित अलग-अलग क्षेत्रों की नामचीन हस्तियों को बुलाया गया है। संघ ने विपक्षी पार्टियों को भी इस कार्यक्रम का न्योता भेजा है, जिससे की उन्होंने दूरी बना ली है। वहीं शिवसेना को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है, लेकिन अभी ये साफ नहीं कि शिवसेना का कोई नेता पहुंचेगा या नहीं।

राहुल गांधी को नहीं बुलाया संघ ने

पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के न्योता भेजा जाएगा और वो शामिल भी होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। संघ ने राहुल गांधी या फिर कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता को कार्यक्रम में आने का निमंत्रण नहीं भेजा है।

 

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