बॉम्बे हाईकोर्ट से भी रोक लगाने की अपील की थी इस बात को लेकर लिकर किंग विजय माल्या ( Liqor King Vijay Malya ) ने बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) में भी याचिका लगाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को माल्या की याचिका खारिज कर दी थी।
विजय माल्या ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि सरकारी एजेंसियां उसके या रिश्तेदारों की संपत्तियों के खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई न करे। कुर्की की कार्रवाई तब तक न हो जब तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के मामले में हाईकोर्ट का फैसला न आ जाए।
केवल किंगफिशर की संपत्तियां कुर्क हो अब लिकर किंग विजय माल्या ( Liqor King Vijay Malya ) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा दूसरी संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए। ऐसा इसलिए कि कथित अनियमितताओं का आरोप किंगफिशर पर है।
इसलिए सरकारी जांच एजेंट को अगर कार्रवाई करनी है, तो सिर्फ किंगफिशर से जुड़ी संपत्ति ही कुर्क की जाए। उसकी निजी और पारिवारिक संपत्ति पर कार्रवाई न हो। भगोड़ा आर्थिक अपराधी है माल्या
बता दें कि लिकर किंग विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाए हैं। मुंबई की विशेष अदालत (पीएमएलए) उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी पहले घोषित कर चुकी है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय देश-विदेश में उसकी संपत्तियां अटैच कर चुका है।
माल्या मार्च, 2016 में लंदन भाग गया था। लंदन वेस्टमिंस्टर अदालत ने पिछले साल दिसंबर में माल्या के प्रत्यर्पण का फैसला सुनाया था।
यूके के तत्कालीन गृह मंत्री ने साजिद जाविद ने भी प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। माल्या ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।
यूके के तत्कालीन गृह मंत्री ने साजिद जाविद ने भी प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। माल्या ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।
विजय माल्या ( Liqor King Vijay Malya ) का प्रत्यर्पण होने पर उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।