अब भारत और चीन के बीच सीमा मामलों में विचार विमर्श और समन्वय के लिए स्थापित यह टीम अब एक वर्चुअल मीटिंग ( Virtual Meeting ) कर सकती है। इसका मकसद भारतीय चीन सीमा पर शांति कायम रखने के लिए दोनों मुल्कों के बीच सलाह-मशविरा और तालमेल (Consultation and Co-ordination ) बनाने का काम करना है।
CAA Violence : केवल गर्भवती होने मात्र से जमानत की हकदार नहीं हो सकती सफूरा जरगर दूसरी ओर दो दिन पहले भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों ( Top Commander’s ) के बीच हुई बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने पर सहमति बनी है। आपसी सहमति को पिछले डेढ़ महीने से कायम तनाव कम करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।
सेना के सूत्रों ने 23 जून को नई दिल्ली में बताया गया कि 22 जून को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में टकराव ( Clash in Eastern Ladakh ) वाले सभी स्थानों से हटने के तौर तरीकों को अमल में लाएंगे। हालांकि यह तौर तरीके क्या होंगे, इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
LAC Dispute : एमएनएम प्रमुख कमल हासन ने केंद्र को घेरा, कहा – पीएम मोदी से सवाल पूछना राष्ट्र विरोधी नहीं जानकारी के मुताबिक 8 जून की बैठक में इन्हीं अधिकारियों के बीच जो सहमति बनी थी, उसी पर आगे बढ़ा जाएगा जिसमें चरणबद्ध तरीके से दोनों देशों की सेनाओं को पीछे हटना है।
दरअसल, भारत और चीनी सेना के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिला कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन के बीच करीब 11 घंटे तक बातचीत हुई। इस बैठक में भारत की तरफ से जोरदार ढंग से इस मांग को रखा गया था कि चीनी सेना पीछे हटे।
सोमवार की बैठक में बनी सहमति पर अमल की अवधि को लेकर भी सेना के सूत्रों ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट कहा कि दोनों पक्षों में टकराव वाले सभी स्थानों से पीछे हटने पर आपसी सहमति बनी है। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने के तौर तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों पक्ष द्वारा इन्हें अमल में लाया जाएगा।
पूर्वी लद्दाख में 4 स्थानों पर है टकराव के हालात पूर्वी लद्दाख ( East Ladakh ) में कम से कम चार स्थानों पर दोनों देशों के बीच टकराव के हालात पैदा हुए हैं। इनमें पेंगोंग लेक, गलवान घाटी, दौलत बेग ओल्डी एवं डेमचोक शामिल हैं। रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा तनाव की स्थिति में दोनों सेनाओं के बीच बनी यह सहमति सकारात्मक है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि चीनी पक्ष इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करे।