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Kozhikode Plane Crash : लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट का रनवे 10 असुरक्षित, 9 साल पहले एक्सपर्ट ने दी थी चेतावनी

Kozhikode Airport टेबलटॉप है। इस तरह के एयरपोर्ट पर विमानों की लैडिंग को रिस्की और खतरनाक ( Risky and Dangerous ) माना जाता है।
सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन ( Captain Mohan Ranganathan ) ने 9 साल पहले ही इस बात की चेतावनी दी थी।
डीजीसीए ( DGCA ) के नियमों के मुताबिक भी कोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे का बफर जोन ( Buffer Zone ) सुरक्षित नहीं है।

Aug 08, 2020 / 09:52 am

Dhirendra

सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन ( Captain Mohan Ranganathan ) ने 9 साल पहले ही इस बात की चेतावनी दी थी।

नई दिल्ली। दुबई से केरल आ रहा एयर इंडिया का विमान ( Air India Flight ) कोझिकोड एयरपोर्ट ( Kozhikode Airport ) पर लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। विमान हादसे ( Plane Crash ) का बड़ा कारण एयरपोर्ट के टेबलटॉप रनवे ( Tabletop runway ) को माना जा रहा है। अमूमन ऐसे एयरपोर्ट पर विमानों की लैडिंग को रिस्की और खतरनाक ( Risky and Dangerous ) माना जाता है। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इस बात की अनदेखी की और एयर इंडिया विमान हादसा ( Air India Plane Crash ) हो गया।
रनवे 10 को लेकर इस बात की चेतावानी नागरिक उड्डयन मंत्रालय ( Ministry of Civil Aviation ) द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन ( Captain Mohan Ranganathan ) ने 9 साल पहले ही इस बात की चेतावनी दी थी। लेकिन शुक्रवार एयरपोर्ट अधिकारियों ने इसकी अनदेखी की और एयर इंडिया का विमान हादसा हो गया।
दरअसल, कोझिकोड स्थित करीपुर हवाई अड्डा ( unsafe airport ) असुरक्षित है। टेबलटॉप रनवे होने की वजह से यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं है। जब मौसम खराब हो और बारिश के समय तो इसकी इजाजत किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए। यानि एयरपोर्ट गीली होने की स्थिति में कोझिकोड के रनवे नंबर 10 पर विमान को लैंडिंग की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।
यह चेतावनी मंगलौर विमान हादसे के बाद जारी की गई थी। इसके पीछे कोझिकोड एयरपोर्ट को टैबलटॉप होना बताया गया था। यहां पर रनवे के नीचे वाले एरिया में ढलान है। इसके साथ ही रनवे के अंत में बफर जोन सुरक्षित नहीं है। रनवे के अंत में 240 मीटर बफर जोन की जरूरत होती है। जबकि डीजीसीए द्वारा मान्य 100 मीटर की जगह भी दोनों साइड नहीं है।
वर्षों पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन का कहना है कि बारिश होने के बार बारिश की स्थिति में टेबलटॉप एयरपोर्ट पर हवाई लैंडिंग की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि जून 17, 2011 को उन्होंने अपनी रिपोर्ट में डीजीसीए, सिविल एविएशन सेफ्टी एडवाइजरी कमेटी और सिविल एविएशन सचिव को एक लेटर में इस बात की जानकारी दी थी।
अपने लेटर में उन्होंने बताया था कि कोझिकोड एयरपोर्ट के रनवे 10 को सुरक्षित एरिया के अभाव में उपयोग में लाने की अनुमति नहीं है। साथ ही हवाई सेवा के लिए रनवे के अंत में 240 मीटर सुरक्षित एरिया विकसित करने और रनवे की लंबाई कम करने का सुझाव दिया था। उन्होंने अपने लेटर में बताया था कि विमान रनवे पर नहीं रुकने की स्थिति में सुरक्षित एरिया का प्रावधान होता है ताकि विमानों की लैंडिंग सेफ हो सके।
टेबलटॉप रनवे

टेबलटॉप रनवे ( Tabletop runway ) के हवाई पट्टी की दोनों तरफ या एक तरफ घाटी होने के कारण टेबलटॉप रनवे में जोखिम काफी ज्यादा होता है। ऐसे में विमानों की लैंडिंग और उड़ान दोनों के दौरान काफी सतर्कता बरतनी होती है। इसके कारण इन एयरपोर्ट के पायलट भी काफी कुशल होते हैं। ज्यादातर टेबलटॉप रनवे पठार या पहाड़ के टॉप पर बने होते हैं। देश में कर्नाटक के मंगलुरु, केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट और मिजोरम में टेबलटॉप रनवे बने हुए हैं।

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