विविध भारत

Kisan Andolan: कृषि कानून के समर्थक हैं कमेटी के चारों सदस्य, ऐसे में किस तरह सुलझेगा विवाद?

लंबे समय से चल रहे Kisan Andolan को लेकर फिर खड़े हुए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने जिन चार सदस्यों की बनाई कमेटी
चारों सदस्य रह चुके हैं कृषि कानून के समर्थक

Jan 13, 2021 / 09:55 am

धीरज शर्मा

SC की बनाई चार सदस्यी कमेटी के सदस्य हैं नए कृषि कानून के समर्थक, कैसे सुलझेगा विवाद?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मंगलवार को कृषि कानूनों ( Farm Law ) पर बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई है। समिति के सदस्यों में अखिल भारतीय किसान समन्वय के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी और अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के जोशी हैं।
पूर्व में दिए बयानों के आधार पर यह कृषि कानून का समर्थन करते हैं। साथ ही इसमें सरकार से जुड़े संगठनों में महत्त्वपूर्ण पदों पर हैं या रह चुके हैं। जानते हैं इनके बारे में।
दुनिया से अलग है यूरोपियन देशों में वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी, जानिए क्या है पीछे की वजह

1- अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री)
कानून के बारे में राय : यह कानून किसानों को अधिक विकल्प व आजादी देगा। किसानों को फायदा होगा, लेकिन सरकार ये बात किसानों को समझा नहीं सकी।
– सरकार की एग्रीकल्चर टास्क फोर्स के मेंबर व कृषि बाजार सुधार के एक्सपर्ट पैनल के अध्यक्ष हैं।
– कई फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) बढ़ाने में अहम भूमिका।
– 2015 में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका।

2- डॉ. प्रमोद के जोशी (कृषि अर्थशास्त्री)
कानून के बारे में राय : कानून से फसलों के कीमतों में उतार-चढ़ाव पर किसानों को नुकसान नहीं होगा। उनका जोखिम और कम होगा।

– दक्षिण एशिया अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के निदेशक हैं।
– नेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च नई दिल्ली के डायरेक्टर रह चुके हैं।
– एग्रीकल्चर सेक्टर में कई अवॉर्ड मिल चुके, सार्क कृषि केंद्र के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके
3- भूपिंदर सिंह मान
(अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति)

कानून के बारे में राय : भारत की कृषि व्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पारित तीनों कानूनों के पक्ष में सरकार का समर्थन करते हैं।
– कृषि कानूनों पर आपत्ति व समर्थन को लेकर 14 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा था।
– इनकी समिति कृषि कानूनों का समर्थन कर चुकी है।
– 1990 में राज्यसभा के लिए नामांकित किए गए थे।
भारत में हुई दुनिया की दिग्गज कार कंपनी टेस्ला की आधिकारिक एंट्री, जानिए देश के कार शौकीनों को क्या होगा फायदा

4- अनिल घनवंत ( शेतकारी संगठन के अध्यक्ष, किसानों का महाराष्ट्र में संगठन)
कानून के बारे में राय : कृषि कानूनों पर राय- अनिल घनवंत ने कहा था कि कृषि कानूनों को वापस लेने की जरूरत नहीं है। यह किसानों के लिए कई मौके खोलेगा।
– सिर्फ पंजाब व हरियाणा के दबाव में आकर कानून वापस नहीं लेना चाहिए।
– किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं।
– इन कानूनों से गांवों में कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउस में निवेश बढ़ेगा

Hindi News / Miscellenous India / Kisan Andolan: कृषि कानून के समर्थक हैं कमेटी के चारों सदस्य, ऐसे में किस तरह सुलझेगा विवाद?

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.