केजरीवाल सरकार ने इसके पीछे राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरे को बताया है। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने इस माह की शुरुआत में ही एक सर्कुलर जारी कर राजधानी के सभी स्कूल 30 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया था।
आईएमडी ने दिल्ली में बारिश को लेकर जारी की चेतावनी, जानें कब बरसेंगे बदर दिल्ली की आप सरकार ने राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए एक आदेश जारी किया है। इसके तहत सभी स्कूल छात्रों के लिए 5 अक्टूबर तक बंद रखने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि कई राज्यों में 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल खुलने जा रहे हैं। गृहमंत्रालय की ओर से 29 अगस्त को अनलॉक-4 के लिए जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूल जो शिक्षा निेदेशायलय अन्य स्थानीय निकायों से मान्यता प्राप्त है वे नियमों के तहत स्कूल खोल सकते हैं।
बीजेपी के दिग्गज नेता का कोरोना से हुआ निधन, 55 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस दिल्ली स्कूलों के हाई कोर्ट का आदेश
इसके साथ ही दिल्ली के स्कूलों को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी निजी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।
इसके साथ ही दिल्ली के स्कूलों को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी निजी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।
कोर्ट ने सभी निजी और गैर सरकार स्कूलों को गरीब बच्चों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन उपलब्ध कराने के लिए गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन देने का आदेश दिया है। इसके पीछे कोर्ट का तर्क है कि कोई भी छात्र सिर्फ बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाए। यही वजह है कि ये जिम्मेदारी स्कूलों को उठानी होगी।
आपको बता दें कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने की। उन्होंने कहा कि गैजेट और और इंटरनेट कनेक्शन पैक को ट्यूशन फीस के हिस्से के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा।
यह निजी स्कूलों, केंद्रीय स्कूलों और सरकारी विद्यालयों की ओर से ईडब्ल्यूएस छात्रों को नि: शुल्क प्रदान किया जाना चाहिए।
यह निजी स्कूलों, केंद्रीय स्कूलों और सरकारी विद्यालयों की ओर से ईडब्ल्यूएस छात्रों को नि: शुल्क प्रदान किया जाना चाहिए।