दिल्ली में Corona संक्रमित बच्चों में Kawasaki Disease का बढ़ा खतरा, जानें क्या हैं लक्षण
Coronavirus संकट के बीच Delhi में बढ़ा एक और खतरा
Covid 19 Positive बच्चों में दिख रहे Kawasaki Disease के लक्षण
अब तक ‘कावासाकी’ होने के कारणों का नहीं चला पता, बढ़ने लगी चिंता
दिल्ली में कोविड संक्रमित बच्चों में दिख रहे कावासाकी जैसी बीमारी के लक्षण
नई दिल्ली। कोरोना संकट ( coronavirus ) से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( Delhi ) में एक और बड़ी परेशानी सामने आई है। दरअसल यहां कई अस्पतालों में कोरोना वायरस ( Covid Positive Children ) से संक्रमित बच्चों में कावासाकी ( Kawasaki Disease ) नाम की बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कावासाकी के इन लक्षणों ( Kawasaki Symptoms ) ने स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है। दरअसल कावासाकी एक सिंड्रोम है और यहां चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि अब तक इसके होने के कारणों का पता नहीं चला है।
दिल्ली के कई अस्पतालों में पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 ( Covid 19 )लक्षणों वाले बच्चों में कावासाकी बीमारी के लक्षण दिखाई दिए हैं। दिल्ली स्थित कलावती सरन अस्पताल ने बुखार, चकत्ते, श्वसन और जठरांत्र संबंधी लक्षणों के साथ बच्चों के पांच-छह मामलों की सूचना दी है।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की पीडिएट्रिक्स क्रिटिकल केयर की डॉक्टर रचना शर्मा ने बताया कि ज्यादातर मामले में कोविड का असर बच्चों में नहीं होता है। अगर किसी में इंफेक्शन होता भी है, तो उसमें लक्षण नहीं आते हैं। लेकिन अब देश में कई ऐसे मामले देखे जा रहे हैं, जो कावासाकी बीमारी की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
ये हैं कावासाकी के लक्षण कावासाकी के लक्षणों की बात करें तो इसमें बच्चे को तेज बुखार चढ़ता है। आंखें लाल हो जाती हैं और गर्दन के पास गठान होने लगती है। इतना ही नहीं होठ और जीभ भी काफी लाल हो जाती है। शरीर में जगह-जगह रेशेज होने लगते हैं। शरीर पर पड़ने वाले चकत्तों में सूजन भी आने लगती है।
इन देशों में देखने को मिले लक्षण डॉक्टर का कहना है कि इटली, चीन, अमेरिका, इंग्लैंड आदि देशों में भी कोविड से पीड़ित बच्चों (Corona Positive Kids) में में ऐसे लक्षण देखे जा रहे हैं।
कलावती सरन अस्पताल के प्रमुख डॉ. वीरेंद्र कुमार के मुताबिक ‘ये सबसे आम लक्षण हैं जो दुनिया भर में प्रचलित हैं। अन्य वायरस भी इस सिंड्रोम की वजह बन सकते हैं, लेकिन हम महामारी के बीच में हैं। हम बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि वे कावासाकी से संक्रमित थे, लेकिन उनमें कावासाकी जैसे लक्षण थे।
गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर अनिल सचदेव के मुताबिक कावासाकी क्यूं होता है, किसी को पता नहीं है। न ही इसका कोई डायग्नोस्टिक टेस्ट है। लेकिन डायग्नोस्टिक क्राइटेरिया के आधार पर इस बीमारी की पहचान की जाती है।
मई में WHO की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप और उत्तरी अमरीका के बच्चों और किशोरों के समूहों को कावासाकी रोग और टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के कुछ लक्षणों की वजह से मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी कंडीशन (एमआईसी) के साथ ICU में इलाज करने की जरूरत पड़ी।