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कठुआ गैंगरेप केस में आ सकता है नया मोड़, चैट रिकॉर्ड से बढ़ सकती है विशाल की मुश्किल

कठुआ रेप केस में आ सकता है नया मोड़
अभियोजन पक्ष की निर्णय के खिलाफ अपील करने की तैयारी
बचाव पक्ष की भी है हाईकोर्ट में अपील करने की योजना

Jun 14, 2019 / 10:17 pm

Dhirendra

कठुआ रेप केस: चैट के आधार पर विशाल जंगोत्रा की रिहाई को चुनौती देगा अभियोजन पक्ष

नई दिल्‍ली। जम्‍मू-कश्‍मीर के कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस में पठानकोट की विशेष अदालत से बरी एकमात्र आरोपी विशाल जंगोत्रा मामले को अभियोजन पक्ष अदालत में चुनौती देने की तैयारी में जुटा है। विशेष अदालत के निर्णय को चुनौती देने के लिए अभियोजन पक्ष विशाल जंगोत्रा के इलेक्‍ट्रॉनिक उपकणों सहित फेसबुक मैसेंजर और वॉट्सऐप से प्रात आंकड़ों को आधार बनाएगा।
इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स डिवाइस से प्राप्‍त सबूतों के आधार पर अभियोजन पक्ष यह साबित करेगा कि विशाल को कठुआ गैंगरेप और हत्‍या के बारे में पूरी जानकारी थी और वो इस योजना में शामिल था।

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अदालत ने सबूतों के अभाव में विशाल को कर दिया था बरी

बता दें कि 2018 की शुरुआत में पूरे देश को झकझोर देने वाली जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुई रेप और मर्डर की घटना पर पठानकोट की विशेष अदालत ने 10 जून को सजा सुनाई था।
विशेष अदालत ने 8 साल की बच्ची के साथ रेप करने वाले कुल सात में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इनमें से 3 को उम्रकैद और अन्य 3 को पांच-पांच साल की सजा मुकर्रर की थी।
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जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई उनमें सांझी राम, दीपक खजूरिया और परवेश शामिल हैं। जबकि तिलक राज, आनंद दत्ता और सुरेंद्र कुमार को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई गई।
अदालत ने सातवें आरोपी विशाल के बारे में कहा कि था कि निर्णय लिखे जाने तक उसे दोषी करार देने के लिए पुलिस जरूरी सबूत मुहैया नहीं करा पाई। इसलिए उसे इस मामले में बरी कर दिया गया है।
हाईकोर्ट में अपील करेगा बचाव पक्ष

इस मामले में बचाव पक्ष भी पठानकोट विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी में जुटा है। बचाव पक्ष का कहना है कि अदालत द्वारा विशाल को बरी करने से अभियोजन पक्ष का मामला ही समाप्‍त हो जाता है।
ऐसे में अभियोजन पक्ष का यह तर्क कमजोर हो जाता है कि विशाल के पिता सांझी राम और उम्रकैद की सजा पाने वाले तीन में से एक अन्‍य आरोपी ने विशाल को बचाने के लिए आत्‍मसमर्पण किया था। फिर घटना के समय विशाल जम्‍मू से बहुत दूर उत्‍तर प्रदेश के एक कॉलेज में था।
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विशाल को फंसाने का लगाया था आरोप

अदालत में जिरह के दौरान बचाव पक्ष ने अभियोजन पक्ष की ओर पेश चैट की सत्‍यता पर सवाल उठाया था। बचाव पक्ष ने अभियोजकों पर सबूतों से छेड़छाड़ करने और विशाल को गलत तरीके से इस केस में फंसाने का आरोप लगाया था।
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चैट मैसेज को बतौर सबूत पेश करने की तैयारी

अभियोजन पक्ष का कहना है कि उनके पास जो सबूत हैं वो विशाल और उसके रिश्‍तेदारों और दोस्‍तों के बीच आदान-प्रदान किए गए संदेशों से लैस हैं। उच्‍च अदालत में अपील के दौरान उसे बतौर सबूत अदालत के सामने पेश करेंगे।
चार्जशीट में 02, 21, 22, 25 और 28 फरवरी, 10 और 11 मार्च को फोन पर बातचीत का अंश शामिल है। अभियोजन पक्ष को भरोसा है कि इस आधार पर अपीलीय न्‍यायालय विशाल को दोषी करार देगा।
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क्या है कॉल हिस्ट्री में

फोन पर ये बातचीत उस समय रिकॉर्ड हुई है जब न तो अभियोजकों की नजर इनमें से किसी पर थी न ही जांचकर्ताओं द्वारा जांच के लिए इन लोगों को बुलाया या संपर्क किया गया था।
जांच अधिकारियों का दावा है कि उम्र कैद पाने वाले परवेश कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया था कि विशाल 13 जनवरी, 2018 को कठुआ आया था और उसने लड़की का रेप किया था।
10 हजार पेज का चार्जशीट

इस मामले में जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जांच के आधार पर सबूतों को तैयार किया था। क्राइम ब्रांच ने 10 हजार पेज का चार्जशीट अदालत के समक्ष दाखिल किया था। जिसमें विशाल के इलेक्‍ट्रोनिक डिवाइस सहित फेसबुक मैसेंजर और व्‍हाट्सएप चैट्स से हासिल फैक्‍ट्स भी शामिल हैं।

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