करीब चार घंटों तक चली बैठक में पाकिस्तान ने करीब-करीब मुद्दों पर सहमति जताई। हालांकि कुछ मुद्दों पर बात नहीं बन पाई। भारत चाहता है कि करतारपुर कॉरिडोर ( Kartarpur Corridor ) साल भर खुले। साथ प्रवासी भारतीयों को भी दर्शन करने का मौका मिले। लेकिन पाकिस्तान इसको लेकर तैयार नहीं हो रहा।
बैठक में भारत की ओर से संयुक्त सचिव एससीएल दास और दीपक मित्तल मौजूद रहे। वहीं पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल शामिल थे।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएं
बैठक में भारत ने रोजना 5 हजार श्रद्धालुओं की यात्रा करने का मु्द्दा उठाया। साथ ही भारत ने खास मौके पर 10 हजार श्रद्धालुओं को भेजने की बात कही । इस पर पाकिस्तान राजी हो गया। साथ ही भारत ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई। भारत ने करतारपुर साहिब का गलत इस्तेमाल नहीं होने का भी मुद्दा उठाया ।
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खालिस्तान समर्थकों पर दो टूक
भारत पाकिस्तान के बीच द्वीपक्षीय बातचीत में ( India-Pakistan bilateral meeting ) भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को जोड़ने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थकों का प्रवेश कतई मंजूर नहीं है। हालांकि पाकिस्तान ने गोपाल चावला को समिति से बाहर कर दिया है। पिछली बार कॉरिडोर कमेटी में गोपाल सिंह चावला को शामिल करने पर भारत ने सख्त नाराजगी जताई थी। इस मामले को लेकर ही भारत ने पिछली बार बैठक को रद्द कर दिया था।
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80 फीसदी मुद्दों पर सहमति- पाकिस्तान बैठक के बाद पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा कि 80 फीसदी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। फैसल ने कहा कि कतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान पूरा सहयोग कर रहा है। 70 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो गया है।नदी पर पाकिस्तान बनवाए पुल
करतारपुर कॉरिडोर पर हुई बैठक में भारत ने रावी नदी पर पाकिस्तान से पुल बनाने की मांग की। जिसपर पाकिस्तान ने हामी भरी। भारत ने कहा कि वह नदी पर अपनी तरफ पुल तैयार करवा रहा है। साथ ही वह पड़ोसी देश से उम्मीद करता है कि वह भी ऐसा ब्रिज का निर्माण कराए। भारत को आशंका है कि अगर पाकिस्तान नदी पर पुल नहीं बनाएगा तो डेरा बाबा नानक और आसपास के इलाकों में बाढ़ आ जाएगी। जिससे श्रद्धालुओं को खासी परेशानी होगी।
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भारत ने गुरुद्वार की जमीन अधिग्रहण का मुद्दा उठाया। भारत ने कहा कि गुरुद्वारे की जमीन को हड़पने की कोशिश की गई है। इससे तत्काल खाली किया जाए।