कर्नाटक क्राइसिस: बागी विधायकों की अपील पर स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
नई दिल्ली। कर्नाटक क्राइसिस ( karnataka crisis ) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ( Congress-JDS Coalition ) के 10 बागी विधायकों ( Rebellion MLAs ) से गुरुवार शाम 6 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ( Legislative Assembly Speaker KR Ramesh) से मिलने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि अगर बागी विधायक चाहें तो अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दें।
सुरक्षा मुहैया कराएं DGP सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक से कहा कि वो सभी विधायकों को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराएं। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश से बागी विधायकों के मुद्दे पर गुरुवार को ही अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से साफ कर दिया है कि इस मामले को आगे के लिए लटकाना संभव नहीं है।
बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है। अदालत के इस रुख से साफ है कि केआर रमेश को आज देर शाम तक इस मुद्दे पर अपना अंतिम फैसला सुना देंगे।
बागी विधायकों ने दायर की थी याचिका बता दें कि पिछले छह दिनों से कर्नाटक क्राइसिस ( Karnataka Crisis ) जारी है। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ( Congress-JDS Coalition ) के 10 बागी विधायकों ( Rebellion MLAs ) विधानसभा अध्यक्ष के भेदभावपूर्ण निर्ण्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बागी विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष पर इस्तीफा जान बूझकर स्वीकार न करने का आरोप लगाया था। विधायकों ने याचिका में विधानसभा अध्यक्ष को इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग की थी।
तत्काल सुनवाई की मांग सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi ) की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने बुधवार को बागी विधायकों ने कर्नाटक के कर्नाटक क्राइसिस ( Karnataka Crisis ) का उल्लेख किया था। इस पर अदालत ने बागी विधायकों को आश्वासन दिया था कि अदालत देखेगी कि उनकी याचिका को बृहस्पतिवार को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं।
पीठ ने बागी विधायकों ( Rebellion MLAs ) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि याची विधायक पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। अधिवक्ता रोहतगी ने याची की ओर से अदालत के समक्ष इस याचिका पर बुधवार या बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
कर्नाटक क्राइसिस: सियासी जंग का अखाड़ा बना मुंबई, डीके शिवकुमार के खिलाफ लगे Go ये हैं आरोप बागी विधायकों ( Rebellion MLAs ) ने याचिका के जरिए आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ( Karnataka Legislative Assembly Speaker KR Ramesh ) ने पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्रवाई की है और जानबूझ कर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं। इन बागी विधायकों ने अपनी याचिका में विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाया गया है कि वह अल्पमत सरकार को बचा रहे हैं।
स्पीकर की मंशा पर जताया शक रोहतगी ने शीर्ष अदालत से इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए बहुत अनुरोध किया तो पीठ ने कहा कि हम देखेंगे। बागी विधायकों ने याचिका में आरोप लगाया है कि सुनियोजित तरीके से कदम उठाते हुए कांग्रेस पार्टी ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करते हुए अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य विधानसभा का सत्र 12 जुलाई को शुरू होने वाला है और अध्यक्ष ने उसी दिन विधायकों को व्यक्तिगत रूप से उनके समक्ष पेश होने के लिए कहा है, जिससे उन्हें अयोग्य घोषित करने की अध्यक्ष की मंशा का पता चलता है।
राम मंदिर विवाद पर SC में सुनवाई आज, जल्द सुनवाई पर फैसला संभव याची के मुताबिक इसके पीछे विधानसभा अध्यक्ष का मकसद याचिकाकर्ताओं को अयोग्य करार देने तथा अयोग्यता की धमकी के तहत सदन में बहुमत के समर्थन के बगैर ही अल्पमत सरकार को काम करने की अनुमति देना है। इस लिहाज से अध्यक्ष की कार्रवाई मनमानी और अनुचित है तथा संविधान का हनन करती है।
नियमों के मुताबिक दिया त्यागपत्र कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ( Rebellion MLAs ) ने कहा है कि उनके त्यागपत्र संविधान के प्रावधानों और नियमों के अनुसार ही हैं। याचिका के मुताबिक स्पष्ट रूप से आपत्ति की आवश्यकता नहीं है और ऐसा लगता है कि यह कार्यवाही में विलंब करने का प्रयास है।
भाजपा पर लगाया प्रलोभन देने का आरोप बता दें कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा था कि 14 बागी विधायकों में से नौ के इस्तीफे सही प्रारूप में नहीं थे। कांग्रेस ने इस मामले में अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से हस्तक्षेप करने और इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस-जेडीएस ने कर्नाटक क्राइसिस ( Karnataka Crisis) के लिए भाजपा हो जिम्मेदार ठहराया है। गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसके सदस्यों को धन का प्रलोभन दे रही है। दूसरी तरफ भाजपा ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।
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